अरविंद केजरीवाल की पेशी में शामिल होने के लिए पहुंची सुनीता केजरीवाल ने कहा, ‘उनकी तबीयत बहुत खराब है, उनको तंग किया जा रहा है, यह तानाशाही नहीं चलेगी, जनता इसका जवाब देगी।’
केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद ही आतिशी मार्लेना ने कहा था कि अगर जरुरत पड़ेगी तो अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। कोई ऐसा कानून नहीं है जो जेल से उन्हें सरकार चलाने से रोकता हो। वहीं दिल्ली के उप-राज्यपाल ने कहा है कि जेल से दिल्ली की सरकार नहीं चलने दी जाएगी।
आप के कार्यकर्ता और नेता इंकलाब जिंदबाद और केजरीवाल जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पहुंचे थे। कई राज्यों से दिल्ली में प्रदर्शन करने आए इन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा, अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे। अगर जरूरत पड़ेगी तो अरविन्द केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे।
उत्तराखंड के पिंगलों ‘गाँव में रोजगार का कोई साधन नहीं होने की वजह से लोग पलायन कर रहे हैं। नौजवान दिल्ली, मुंबई, सूरत, अमृतसर और अन्य शहरों के होटलों और ढाबों में काम करने को मजबूर हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है, हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा पर रोक दिया है। दिल्ली के मध्य हिस्से में भी पुलिस ने संसद और अन्य संवेदनशील स्थानों की ओर जाने वाली कई सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने 30,000 से अधिक आंसू गैस के गोले के ऑर्डर दिए हैं।
एसकेएम के घटकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने और किसानों के खिलाफ बल प्रयोग बंद करने का अनुरोध किया है और एसकेएम-एनपी से अलग-अलग लड़ाई बंद करने और 16 फरवरी की ग्रामीण और औद्योगिक हड़ताल का समर्थन करने के लिए कहा है।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों ने केंद्र सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। जिनमें दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में बदलाव करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने, किसानों के द्वारा दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की।
डल्लेवाल ने कहा, ‘‘अगर सरकार यह कह रही है कि वह बातचीत के लिए सकारात्मक है तो किसान और ज्यादा सकारात्मक हैं। हमारा हंगामा करने और किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने वाले लोग हैं।’’
किसानों को रोकने के लिए आज घघर नदी में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है। अन्य दिनों में समान्य तौर पानी का स्तर बहुत कम होता है। लेकिन आज संभवत: किसानों के रास्ते में बाधायें पैदा करने के लिए ऐसा किया गया है ताकी किसान पैदल घघर नदी को पार न कर पायें।
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के अध्यक्ष और एसकेएम-एनपी के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चंडीगढ़ से फोन पर द हिंदू को बताया कि जिन नेताओं को चर्चा में शामिल होना चाहिए उन्हें गिरफ्तार करके केंद्र सरकार माहौल खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि “एक तरफ, सरकार कह रही है कि वह चर्चा के लिए तैयार है। दूसरी तरफ, उन्होंने हमारे सैकड़ों नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है।