साढ़े 4 साल तक भाजपा के साथ सत्ता में रही पार्टी जजपा को भी किसानों के जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जगह-जगह काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। बीते दिनों खानपुर सिंधड एवं नाडा गांवों में पहुँचे दुष्यंत चौटाला को किसानों के विरोध के चलते बैरंग होकर वापस लौटना पड़ा था।
हरियाणा के प्रमुख राजनीतिक चेहरे चौधरी बीरेंद्र सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, आज करीब 10 साल बाद उन्होंने फिर से कांग्रेस में घर वापसी कर ली है। अपने सम्बोधन में उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए भाजपा का बोरिया बिस्तर समेटने का आह्वान भी कर डाला।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है, हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा पर रोक दिया है। दिल्ली के मध्य हिस्से में भी पुलिस ने संसद और अन्य संवेदनशील स्थानों की ओर जाने वाली कई सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने 30,000 से अधिक आंसू गैस के गोले के ऑर्डर दिए हैं।
एसकेएम के घटकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने और किसानों के खिलाफ बल प्रयोग बंद करने का अनुरोध किया है और एसकेएम-एनपी से अलग-अलग लड़ाई बंद करने और 16 फरवरी की ग्रामीण और औद्योगिक हड़ताल का समर्थन करने के लिए कहा है।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों ने केंद्र सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। जिनमें दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में बदलाव करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने, किसानों के द्वारा दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की।
किसानों को रोकने के लिए आज घघर नदी में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है। अन्य दिनों में समान्य तौर पानी का स्तर बहुत कम होता है। लेकिन आज संभवत: किसानों के रास्ते में बाधायें पैदा करने के लिए ऐसा किया गया है ताकी किसान पैदल घघर नदी को पार न कर पायें।
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के अध्यक्ष और एसकेएम-एनपी के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चंडीगढ़ से फोन पर द हिंदू को बताया कि जिन नेताओं को चर्चा में शामिल होना चाहिए उन्हें गिरफ्तार करके केंद्र सरकार माहौल खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि “एक तरफ, सरकार कह रही है कि वह चर्चा के लिए तैयार है। दूसरी तरफ, उन्होंने हमारे सैकड़ों नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है।