ज्ञातव्य है की आज ही के दिन यानि 30 जनवरी 1948 में महात्मा गाँधी की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। देश आज़ाद होने के बाद बापू के नेतृत्व में बनने संवरने के सपने देख रहा था। नेहरू, पटेल, अम्बेडकर, मौलाना, आज़ाद, सरोजिनी नायडू आदि संविधान बना रहे थे। राज्यों का विलय करवा रहे थे। संस्थानो का निर्माण हो रहा था। ठीक इसी समय दुर्भाग्य ने दस्तक दी और एक कट्टर साम्प्रदायिक नाथूराम गोडसे ने बापू की हत्या करके देश को अनाथ कर दिया।
इस दुखद दिन की स्मृति में साझा संस्कृति मंच प्रतिवर्ष आयोजन करता है। आज की प्रार्थना सभा मे रामधीरज जी, सर्व सेवा संघ, आत्म प्रकाश जी और विजय नारायण जी ने गांधी जी के विचारों पर बात रखी और कहा कि ‘ये देश प्रेम, भाई चारे, करुणा और अहिंसा के रास्ते पर ही चलेगा, नफरत की राजनीति बिलकुल भी नहीं होनी चाहिये।’
[bs-quote quote=”सभा में बापू के बनारस आगमन के जगहों को चिह्नित करते हुए उनको धरोहर रूप में संरक्षित करने की माँग की गयी। बीएचयू काशी विद्यापीठ नागरी प्रचारिणी सभा काशी विश्वनाथ मंदिर आदि जगहों पर बापू के आगमन की तिथि के साथ ब्यौरा देते हुए स्मृति चबूतरा बनाने की जरूरत है।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
जागृति राही ने कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों को संविधान के मूल्यों के पालन की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर श्री वल्लभाचार्य पांडेय, दिनदयाल, प्रदीप एव डॉ इंदु पांडेय ने आशा संस्था की तरफ से गांधी जी के वचन और कार्यों पर पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई। जो कि टाउनहॉल परिसर में आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। सर्वधर्म प्रार्थना सभा में प्रमुख रूप से अनिल श्रीवास्तव अन्नू, अजित सिंह, विनोद, धनन्जय त्रिपाठी, डॉ अनूप श्रमिक, जागृति राही, मनस, मुकेश , सिस्टर और मिशनरी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से प्रो. डीएम दिवाकर जी ने संगोष्ठी में विचार रखे। डॉ मुनीजा, डॉ. आरिफ, सौरभ सिंह, रविदास मंदिर के महंत, और पार्षद ओकार अंसारी, कमलेश यादव, रविन्द्र दुबे आदि लोगो की बड़ी संख्या में भागीदारी हुई।