विविध
राजीव हेमकेशव ने जेपी के संपूर्ण क्रांति के स्वप्न को जीवन के अंतिम समय तक नहीं छोड़ा – डॉ. राकेश रफीक
समाजवादी चिंतक राजीव हेमकेशव की याद में लखनऊ के नेहरू युवा केन्द्र में ‘राजीव की याद में हम रहेंगे साथ में’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। जेपी आंदोलन में सक्रिय राजीव हेमकेशव का 5 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में निधन हो गया था। आज उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विचार
लव जिहाद : कट्टरपंथी राजनीति के दौर में न्याय प्रणाली पर खड़े होते सवाल
हिन्दुत्ववादी संगठन, किसी न किसी बहाने मुसलमानों को टार्गेट करता ही रहता है, चाहे वह लव जिहाद के नाम पर हो, धर्म के नाम पर हो या गौ रक्षा के नाम पर। जब ऐसी कोई घटना होती है, उसमें मुसलमानों को खोजा जाता है, जैसे देश में सबसे बड़े अपराधी मुसलमान हैं। इस तरह की घटना वर्ष 2014 के बाद बहुत ज्यादा बढ़ गईं हैं। इसमें देश की कार्यपालिका, विधायिका के साथ न्यायपालिका भी शामिल है। जब न्यायपालिका भी इस तरह के अंजाम को बढ़ावा दे रही हो, तब इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होना वाजिब है.
विविध
इलाहाबाद विवि में छात्रसंघ भवन में नेता मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर याद किया गया
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर सैकड़ो की तादाद में छात्र उपस्थित रहे।
विविध
इजरायल की क्रूरता के आगे फिलीस्तीनी बहादुरी से संघर्ष कर रहे हैं
युद्ध किसी समस्या का हल नहीं होता लेकिन दूसरे देश पर कब्जा करने की हवस युद्ध को बढ़ावा देती है। इसका खामियाजा आम नागरिकों को सहना पड़ता है। पिछले एक वर्ष से इजरायल व फिलीस्तीन के बीच चल रहे युद्द में तबाही के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है।
विविध
प्रयागराज : समाजवादी छात्र सभा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मासिक बैठक में आंदोलन को धार देने की बनी रणनीति
समाजवादी छात्र सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मासिक बैठक की समीक्षा की गई। बैठक में छात्र सभा के इकाई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। बैठक में छात्र सभा को मजबूत करने तथा छात्रसंघ बहाली की मांग के आंदोलन को तेज करने की बात की गई।
पूर्वांचल
वाराणसी : बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकरों के समक्ष रोजगार व संसाधनों की चुनौती – प्रशांत भूषण
बनारस के आसपास के इलाकों में रहने वाले ग्रामीण बुनकरों की समस्याओं का कोई अंत नहीं है। वे लगातार अपना काम कर रहे हैं। इसलिए कि बिना काम किए उनका गुजारा नहीं है। लेकिन अब वे अपने भविष्य को लेकर चौकन्ने हो गए हैं और इसका एक ही रास्ता दिखाई पड़ता है कि वे संगठित होकर अपनी मांगों को उठाएं। 29 सितंबर को बिजली दर में हुई वृद्धि को लेकर एक सम्मेलन हुआ, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण उपस्थित हो बुनकरों की समस्याओं को सुना।
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Varanasi : तीन किलोमीटर की रेंज के खिलाफ़ टोटो चालकों का सत्याग्रह
वाराणसी में ई-रिक्शा चालकों ने तीन किलोमीटर की रेंज के खिलाफ़ सत्याग्रह शुरू किया है। चालकों का कहना है कि इस नियम से उनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा है और वे रोजगार की संभावनाओं को सीमित कर रहा है। अनशन पर बैठे चालकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस नियम को वापस लिया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
विविध
भगत सिंह की इंकलाबी विचारधारा आज के समय में और ज्यादा प्रासंगिक – डा. सन्तोष कुमार गुप्ता
आज भगत सिंह की 117वीं जयंती मनाई गई। भगत सिंह को पढ़ने-समझने वाले उनके वैचारिकता और लेखन की गंभीरता को बेहतर समझते हैं। 23 वर्ष की छोटी सी उम्र में उन्होंने समाज के लिए बड़ा काम कर दिया।
पूर्वांचल
आजमगढ़ : किसान नेता वीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला, दोषियों के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज़ की गई, तहरीर बदलने का दबाव
जिन राज्यों में भाजपा का शासन है, वहाँ भाजपा से जुड़े लोग खुले आम दबंगई करने में सबसे आगे हैं क्योंकि उन्हें अपने ऊपर किसी भी तरह की कार्रवाई का कोई भय नहीं है। विशेषकर समाज के दबे-पिछड़े, वंचित समुदाय के पक्ष में खड़े होने वाले नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर आए दिन हमले करवाए जा रहे हैं। आजमगढ़ के किसान नेता वीरेंद्र यादव पर भी हमला करवाया गया और हमले करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जबकि न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली यह सरकार गैर भाजपा लोगों पर झूठी कार्रवाई कर उन्हें जेल में डालने से नहीं चुक रही है।
पूर्वांचल
देवरिया : खेत और ग्रामीण मजदूरों को वर्ष भर काम और गरिमामय जीवन के लिए अखिल भारतीय खेग्रामस का धरना
ग्रामीण मजदूर, किसान लगातार बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं, जो काम उन्हें मिल रहा है, उसमें सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी भी हासिल नहीं हो रही है। अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 23 सितंबर को सुबह 11:00 बजे तहसील मुख्यालय भाटपार रानी में खेग्रामस (अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा) द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
सामाजिक न्याय
बिहार : महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार चला रही कई योजनाएं
वर्तमान में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और शोषण के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है, जिसके लिए सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 24 घंटे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन भी संचालित की जा रही है। इसके लिए स्कूल और कॉलेज में विशेष अभियान चला कर लड़कियों को जागरूक किया जा रहा है। किशोरियों को इसकी उपयोगिता और महत्ता के बारे में बताना चाहिए ताकि लड़कियां इसका उपयोग कर स्वयं को अनहोनी से बचा सकें।
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सरकार द्वारा बनाए गए शौचालय फेल: सामुदायिक शौचालय में 4 साल से लटका है ताला, खुले में जा रहे लोग
वाराणसी के सजोई गांव में सरकारी योजनाओं के तहत बनाए गए शौचालयों की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। चार साल पहले बनाए गए शौचालयों का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. गांव में एक सामुदायिक शौचालय भी बनाया गया था, लेकिन उसमें चार साल से ताला लटका हुआ है। यह ताला बंद होने के कारण गांव वालों के पास उस शौचालय का उपयोग करने का कोई विकल्प नहीं है। घर में शौचालय की अनुपस्थिति के कारण महिलाओं को अंधेरे में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। यह स्थिति न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालती है।
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Varanasi : प्रशासन के डर से नट समुदाय के लोग नहीं कर पा रहे अपना पारंपरिक काम
बनारस की नट बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए आज़ादी का अमृत महोत्सव महज एक दिखावा बनकर रह गया है। वर्षों से उपेक्षित इस समुदाय के लोग, जो पारंपरिक कला और नृत्य के माध्यम से जीवन यापन करते हैं, आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
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Varanasi : 15 साल पहले बनाकर छोड़ दिया सामुदायिक केंद्र, डॉ कहीं और से करते हैं इलाज
वाराणसी के कोटवां बस्ती में 15 साल पहले एक सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया गया था, लेकिन यहाँ डॉक्टर नहीं आते और इलाज कहीं और से किया जाता है। स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अन्य स्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है
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Varanasi : NTPC के हरित कोयला प्लांट में कचरे से बन रहे कोयला के प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
वाराणसी में NTPC के हरित कोयला प्लांट में कचरे से तैयार किए जा रहे कोयले से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका स्थानीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस प्लांट का उद्देश्य कचरे के पुनः उपयोग के जरिए कोयला उत्पादन को पर्यावरण-संवेदनशील बनाना था, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स ने चिंता पैदा कर दी है।
ग्राउंड रिपोर्ट
Varanasi : व्यवसाय की मंदी का बुरा असर रंगरेज़ों पर भी पड़ा है
बनारसी साड़ी, भारत के प्रमुख पारंपरिक वस्त्रों में से एक है। यह साड़ी विशेष रूप से बनारस (वाराणसी) शहर की शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है। बनारसी साड़ी के रंगने की प्रक्रिया भी बेहद रोचक और जटिल होती है। देखिये ग्राउंड रिपोर्ट
ग्राउंड रिपोर्ट
Azamgarh : आत्मनिर्भर होने की ललक और जुनून में महिलाएं रात में घर के लोगों से छिपकर करती थीं काम
मेजवां वेलफेयर सोसायटी की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणादायक यात्रा पर थीं। उनके पास आत्म-सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता की गहरी इच्छा थी,...
ग्राउंड रिपोर्ट
Varanasi: स्वच्छ भारत मिशन हो रहा फेल, नाले के बीच रहने को मजबूर हैं कोटवां-छितौनी बस्ती के लोग
https://youtu.be/gLoTLYZSfos?si=qlM2tiT-_BWF7apL
ग्राउंड रिपोर्ट
Kaifi Azmi ने जो स्कूल बनवाया वहां कैसी शिक्षा मिलती है
Azamgarh जिले के मेजवां गांव में स्थित कैफ़ी आज़मी गर्ल्स इंटर कॉलेज ज्ञान विज्ञान प्रयोगशाला से संपन्न है और यहां बच्चों को आधुनिक तकनीक से शिक्षा दी जाती है।
पूर्वांचल
पूर्वाञ्चल : खाद की किल्लत से किसान परेशान कैसे करेंगे धान की खेती
खेती किसानी में अच्छी बारिश और उचित मात्रा में खाद का छिड़काव करना जरूरी होता है। लेकिन सरकारी वितरण केंद्र पर मिलने वाली रियायती दरों पर खाद उपलब्ध नहीं होने की वजह से किसान लगातार भटक रहे हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट
Azamgarh : इस विद्यालय से निकले पाँच सांसद और अनगिनत अफसर
आजमगढ़ का 122 साल पुराना प्राथमिक विद्यालय, जहां से पढ़कर पांच सांसद और कई अधिकारी निकले हैं। आज इस विद्यालय की शिक्षा और प्रबंध...
ग्राउंड रिपोर्ट
Wyndham Fall of Mirzapur : विंढम फाल के सौंदर्य के आगे फीकी पड़ जाएगी शहर की खूबसूरती
Wyndham fall : पूर्वांचल के मिर्जापुर अपने टूरिस्ट स्पॉट के लिए जाना जाता है। लखनिया दरी, चुनादरी, विंढम फाल, टांडा फाल, बोकाड़िया दरी, सिद्धनाथ की दरी आदि दर्जनों ऐसे वाटरफॉल हैं, जो प्राक्रतिक दृष्टि से समृद्ध हैं। वहीं विंढम फाल के सौंदर्य के आगे शहर की खूबसूरती फीकी पड़ जाएगी.
विविध
राजस्थान : रोजगार के अभाव में भटक रहे हैं ग्रामीण, नहीं मिल रहा मनरेगा में काम
गांव में मनरेगा के अतिरिक्त रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं है, इसलिए जब लोगों को मनरेगा के अंतर्गत काम नहीं मिलता है तो वह या तो मजदूरी करने शहर जाते हैं अथवा गांव से पलायन कर महानगरों या औद्योगिक शहरों की ओर चले जाते हैं। वर्ष 2024-25 के बजट में मनरेगा समेत रोजगार के कई क्षेत्रों में बजट आवंटन को बढ़ाया गया है। देखना यह होगा कि आने वाल समय में मनरेगा मजदूरों को काम मिलने के बाद समय पर उचित भुगतान मिलेगा या नहीं?
ग्राउंड रिपोर्ट
Mirzapur : पत्थर खदान ने सिलकोसिस का मरीज बनाया इलाज टी.बी. का होता रहा
मिर्जापुर के राजगढ़ ब्लॉक के सरसों गांव में पत्थर की खदानों में काम करने से लगभग हर घर में एक टीबी का मरीज है।...
ग्राउंड रिपोर्ट
Bhadohi : बरसों के आंदोलन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं, गाँव के डूब जाने का खतरा बढ़ा
भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोग इस बात से चिंतित हैं कि गंगा नदी धीरे-धीरे जमीन का कटान कर रही है। पास का गांव हरिहरपुर डूब चुका है। उन्हें अपने गांव के अस्तित्व की भी चिंता है। शासन-प्रशासन ने वहां ठोकर बना दिया था, जिससे गांव वालों का कहना है कि कटान और भी तेजी से हो रहा है।
ग्राउंड रिपोर्ट
Bhadohi : सरकार की अलबेली चाल, न नहर में पानी, न सड़क की व्यवस्था
भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. नहर का निर्माण 20 साल पहले हुआ था और पानी केवल एक बार आया था। गांव का संपर्क मार्ग एक नहर से होकर गुजरता है जिसमें गड्ढे ही गड्ढे हैं और बरसात के दिनों में इससे गुजरना बहुत मुश्किल होता है।
ग्राउंड रिपोर्ट
Azamgarh : शहर के बीचों-बीच बहने वाली ऐतिहासिक नदी को लोगों ने गंदगी बहाने का माध्यम बनाया
https://www.youtube.com/watch?v=rJbGu_5D3X8
पूर्वांचल
आजमगढ़ : दो वर्षों से चल रहे किसान आंदोलन की आवाज़ संसद में पहुंचाएंगे सांसद दरोगा सरोज
उत्तर प्रदेश का हाइपर विकास हो रहा है। इस विकास के लिए किसानों को उनकी ज़मीनों से विस्थापित किया जा रहा है। किसान जो देश की अर्थव्यस्ठा को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं को सड़क पर लाने का पूरा इंतजाम सरकार कर रही है। इस वजह से देश के अनेक हिस्सों में किसानों के छोटे-बड़े आंदोलन चल रहे हैं।
शिक्षा
वाराणसी : बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों ने डिजिटल उपस्थिति के साथ अन्य मांगों के लिए किया विरोध प्रदर्शन
अध्यापकों की नियुक्ति पढ़ाने के लिए की जाती है लेकिन सरकार द्वारा सौंपे गए अनेक कामों के बाद बच्चों पर पर्याप्त ध्यान ही नहीं दे पाते। यह बात शिक्षक ने बताई। इधर सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापक पर डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने का नियम लागू किया गया है। लेकिन अध्यापक लगातार विरोध कर रहे हैं। अध्यापक इसके अलावा भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं। उनका कहना है जब तक सरकार हमसे बात नहीं करती यह विरोध-प्रदर्शन बंद नहीं होगा.
पर्यावरण
अरुणाचल में मेगा बांध परियोजनाओं में प्रस्तावित और तैयार बांध प्रकृति के लिए खतरा – सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया)
इधर लगातार बारिश से पहाड़ी इलाकों में तबाही की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद अरुणाचल प्रदेश में 169 से ज़्यादा प्रस्तावित बांध हैं, जो प्रकृति का दोहन करेंगे और लोगों के लिए ख़तरा बनेंगे। सरकार को वहाँ के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क होना जरूरी है।
ग्राउंड रिपोर्ट
Banaras : बांसफोर समाज की स्थिति में कब स्थायित्व आएगा!
विकसित भारत के तमाम दांवो की पोल तब खुलने लगते हैं जब हम हाशिये पर जीवन गुजारने वाले असंख्य समुदायों को देखते हैं जिनके...
ग्राउंड रिपोर्ट
सोनभद्र : तीस वर्ष से सड़ते हुए पानी बदबू झेलने को मजबूर नई बस्ती के निवासी
https://www.youtube.com/watch?v=po4m-nSYdVE
शिक्षा
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग : डिजिटल हाजिरी के विरोध में काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने काम किया
डिजिटल उपस्थिति के पहले ही दिन आजमगढ़ के एक गाँव में भारी बारिश में स्कूल जाते हुए अध्यापिकाओं का रिक्शा पलट गया। डिजिटल उपस्थिति का फरमान जारी हो गया और 8 जुलाई से लागू कर दिया गया है। लेकिन अध्यापक इस बात से खासे परेशान है कि जिस गाँव में डिजिटल उपस्थिति की सुविधा नहीं है वहाँ क्या किया जाएगा?
ग्राउंड रिपोर्ट
Varanasi : वरुणा नदी में कई नालों का पानी गिरने से अब पानी खेती के लायक नहीं रहा
बनारस में वरुणा नदी के बहुत अधिक प्रदूषण के कारण किसान खेत की सिंचाई भी इस पानी नहीं कर पाते. यदि इसी तरह वरुणा प्रदूषित होती रही तो जल्द ही नाले में तब्दील हो जाएगी.
शिक्षा
बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की ऑनलाइन उपस्थिति क्यों अव्यावहारिक है?
विद्यालय का नया सत्र खुलते ही शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के लिए कुछ ऐसे नियम लागू कर दिये हैं, जिसके चलते उन्हें व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यदि शासन किसी नियम की नकल करती है तो उसे वहाँ की स्थिति से परिचित होना चाहिए ताकि समस्याओं से भी परिचित हो सके।
ग्राउंड रिपोर्ट
Mirzapur : विद्यालय की दूरी बच्चों को पांचवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देने के लिए मजबूर करती है
https://www.youtube.com/watch?v=iOA9OINQnms
पूर्वांचल
देवरिया : सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक क़ानूनों को लेकर सामाजिक मंचों ने सौंपा ज्ञापन
देवरिया के नागरिक मंच ने भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पुनर्विचार कर संशोधन की मांग के साथ यूएपीए को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है की इस कानून से पुलिस वालों की अधिकार शक्ति बढ़ने से जनता के प्रति दुरुपयोग बढ़ेगा।
ग्राउंड रिपोर्ट
Mirzapur : आज़ादी के 76 साल बाद भी दूर से ढोकर लाते हैं पानी
https://www.youtube.com/watch?v=MFhPm-mY_8U
विविध
ओमप्रकाश वाल्मीकि का साहित्य भोगा हुआ यथार्थ है – प्रो. नामदेव
ओमप्रकाश वाल्मीकि दलित साहित्य के बड़े रचनाकार थे। उन्होंने जो जिया और भोगा वही लिखा। 30 जून को उनके जन्मदिन के अवसर पर पाँचवें ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।
ग्राउंड रिपोर्ट
बलिया : घाघरा की बाढ़ से कई गांवों में कटान का ख़ौफ़, दहशत में ग्रामीण
https://youtu.be/vb1ngs6F7hs