Thursday, November 14, 2024
Thursday, November 14, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमविविधभू-विस्थापितों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर खदान-कार्यालय बंद करने का आह्वान

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

भू-विस्थापितों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर खदान-कार्यालय बंद करने का आह्वान

किसान सभा ने कोल इंडिया के चेयरमैन को सौंपा ज्ञापन,  11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने की  तैयारी  गेवरा (कोरबा)। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज कोल इंडिया के नए चेयरमैन पी.एम. प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर भू-विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण की मांग की है। किसान सभा ने 11 अगस्त को […]

किसान सभा ने कोल इंडिया के चेयरमैन को सौंपा ज्ञापन,  11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने की  तैयारी 

गेवरा (कोरबा)। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज कोल इंडिया के नए चेयरमैन पी.एम. प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर भू-विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण की मांग की है। किसान सभा ने 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने के अपने आह्वान को दोहराया है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में रोजगार, बसावट तथा जमीन वापसी सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ, मिलकर लगातार दो वर्षों से आंदोलनरत है। कोयला उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से चेयरमैन प्रसाद का इस प्रोजेक्ट में यह पहला दौरा था, जिसे एसईसीएल प्रबंधन ने सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन उनके दौरे की भनक लगते ही किसान सभा के नेतृत्व में गेवरा हाउस के सामने बड़ी संख्या में भू विस्थापित इकठ्ठा होकर दौरे का विरोध करने लगे। उनका कहना था कि कोयला उत्पादन बढ़ाने से पहले एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों के समस्याओं का पहले निराकरण करें। भू-विस्थापितों की बड़ी संख्या को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों ने गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार को बंद कर दिया था।

छ.ग. किसान सभा के सदस्य

भू-विस्थापितों के विरोध-प्रदर्शन और कई बार खदान और कार्यालय के घेराव की जानकारी होते ही कोल इंडिया चेयरमैन पी.एम. प्रसाद और एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को गेवरा हाउस में चर्चा के लिए बुलाया। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में दीपक साहू, रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, जय कौशिक, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, होरी, शिवदयाल कंवर, बसंत चौहान आदि शामिल थे। चेयरमैन प्रसाद ने गंभीरता से भू-विस्थापितों की समस्याओं को सुना और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।

किसान सभा ने अपने ज्ञापन में इस तथ्य को रेखांकित किया है कि जिन किसानों ने 1978-2004 के बीच अपनी जमीन देकर देश-दुनिया को रोशन करने का काम किया है और कोरबा जिले को ऊर्जाधानी के रूप में पहचान दिलाई है, आज वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि हर खाते पर सभी प्रभावितों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए तथा खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाये। अपने ज्ञापन में किसान सभा ने पुनर्वास ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं देने और भूविस्थापितों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा और उनके परिवारों को एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किए जाने की भी मांग की है।

किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि भू-विस्थापितों के सामने संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है और वे इन मांगों पर 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा में खदान बंद और कार्यालयों का घेराव करने के अपने आह्वान पर डटे हुए हैं।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here