Saturday, July 27, 2024
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कांग्रेस ने लगाया आरोप, स्मारकों की सुरक्षा के लिए बने कानूनों को मोदी सरकार ने किया कमजोर

  नई दिल्ली(भाषा)। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा के लिए बने 2010 के कानून को ‘कमजोर’ करने की कोशिश की है और कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर इसका विरोध किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर […]

 

नई दिल्ली(भाषा)। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा के लिए बने 2010 के कानून को ‘कमजोर’ करने की कोशिश की है और कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर इसका विरोध किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें बिहार की राजधानी पटना स्थित जिस जगह पर संभवत: सम्राट अशोक का महल था उस क्षेत्र के संरक्षण और उसके आसपास के इलाकों के विकास के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने विरासत उपनियमों का मसौदा जारी किया है। रमेश ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘मार्च 2010 में संसद द्वारा प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष (संशोधन और मान्यता) अधिनियम पारित करने के तुरंत बाद एनएमए की स्थापना की गई थी।उन्होंने कहा, ‘खतरे में पड़ी हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए यह एक बड़ा कदम था।’ कांग्रेस नेता ने आगे  बताया कि ‘एनएमए ने अब तक संसद के दोनों सदनों में 34 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को शामिल करते हुए कुल आठ विरासत उपनियम पेश किए हैं।’

रमेश ने कहा, ‘पटना के कुम्हरार क्षेत्र में अशोक के समय के प्रसिद्ध 80 स्तंभ वाले हॉल और अन्य संरचनाओं के लिए विरासत उपनियमों का मसौदा अब सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया है। यह बहुत अच्छी खबर है।उन्होंने दावा किया लेकिन, यह कहने की जरूरत है कि मोदी सरकार ने 2010 के अधिनियम को कमजोर करने की कोशिश की है। यह कांग्रेस और अन्य दलों का दृढ़ प्रतिरोध है, जिसने अब तक ऐसा होने से रोका है।’

दिल्ली के उपराज्यपाल ने धोखाधड़ी मामले में 10 पुलिस कर्मियों के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दी

नई दिल्ली (भाषा)।  उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना ने सरकारी कोष से 2.44 करोड़ रुपये के कथित गबन के मामले में दिल्ली पुलिस के 10 कर्मियों के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दे दी है। राजनिवास ने रविवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बाहरी दिल्ली में तैनात दो महिला पुलिस उप निरीक्षकों, तीन हेड कांस्टेबल और पांच कांस्टेबल के खिलाफ एक अक्टूबर 2019 को धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और विश्वास भंग करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।

बयान के मुताबिक महिला पुलिस निरीक्षक मीणा कुमारी और हरेंदर, हेड कांस्टेबल विजेंद्र सिंह, विजू पी.के, आनंद कुमार और कांस्टेबल कृष्ण कुमार, अनिल कुमार, रवींद्र, संजय दहिया व रोहित मामले में आरोपी हैं। इन पर सरकारी धन से 2.44 करोड़ रुपये का गबन कर निजी इस्तेमाल के लिए खर्च करने का आरोप है। इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति मांगने के दौरान गृह विभाग ने बताया कि पूछताछ में कृष्ण, विजेंद्र सिंह, अनिल कुमार और मीणा कुमारी ने ‘स्वीकार’ किया है कि उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है।

बयान में आगे कहा गया है कि  पहले ही संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के प्रावधानों के तहत कृष्ण कुमार, विजेंद्र सिंह, अनिल कुमार और मीण कुमारी को सेवा से बर्खास्त कर चुकी है। ईओडब्ल्यू ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।

 दिल्ली में चिकित्सकों ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा के विरुद्ध जुलूस निकाला

नई दिल्ली(भाषा)।  राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा के विरुद्ध रविवार को जुलूस निकाला। एक चिकित्सक संघ ने यह जानकारी दी।

दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) ने एक बयान में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से जुलूस शुरू किया और राजघाट की ओर आगे बढ़ने की कोशिश की। जुलूस का नेतृत्व डीएमए के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी डालमिया और अन्य पदाधिकारियों ने किया।

बयान में कहा गया है, ‘चिकित्सकों ने अधिकारियों के अनुचित व्यवहार और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बार-बार हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस जुलुस में बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने भाग लिया। वहीं, पुलिस ने बैरिकेड लगाकर जुलूस को राजघाट की ओर बढ़ने से रोक दिया।  प्रदर्शन के दौरान चिकित्सकों ने एक घंटे से अधिक समय तक सड़क पर धरना दिया।जुलूस में 100 से अधिक एंबुलेंस भी शामिल रहीं। डीएमए की प्रत्येक शाखा, नर्सिंग होम के प्रतिनिधियों, इंडियन डेंटल एसोसिएशन एवं उसके सदस्यों और दिल्ली के अस्पतालों के रेजिडेंट चिकित्सक संघों ने भी जुलूस में हिस्सा लिया।चिकित्सा संघ के इस जुलूस का समापन आईटीओ के पास शहीदी पार्क में हुआ।’

केरल के कन्वेंशन सेंटर में धमाके के बाद दिल्ली में गिरजाघरों, मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाई गई

नई दिल्ली(भाषा)।  केरल के एक कन्वेंशन सेंटर में रविवार को हुए धमाके के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में गिरजाघरों के आसपास और मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य बाजारों, गिरजाघरों, मेट्रो स्टेशनों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने आगे बताया ‘उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा से लगे सीमावर्ती इलाकों में पुलिस दलों को नाकाबंदी करने के लिए कहा गया है। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों, मोटरसाइकिल चालकों और पीसीआर वाहन को सतर्क रहने के साथ-साथ किसी भी सूचना को नजरअंदाज नहीं करने के लिए कहा गया है।  अधिकारी ने आगे बताया ‘हम भीड़भाड़ वाले बाजारों में पहले से ही पैनी नजर रखे हुए हैं। त्योहारों के मद्देनजर पहले से ही अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।’

केरल के कलामासेरी में एक कन्वेंशन सेंटर में रविवार सुबह हुए धमाके में एक महिला की मौत हो गई और 45 अन्य घायल हो गए।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ केंद्रीय एजेंसियों से लगातार संपर्क में है। प्रकोष्ठ ने दो अक्टूबर को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शामिल मोहम्मद शाहनवाज आलम और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

पुलिस के मुताबिक, ये तीनों व्यक्ति आईएसआईएस मॉड्यूल का हिस्सा थे और इनके पास से संदिग्ध सामग्री बरामद की गई थी, जिसमें आईईडी (विस्फोटक) बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें भी शामिल हैं।आतंक रोधी एजेंसी ने शाहनवाज के बारे में कोई भी जानकारी देने पर तीन लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। पेशे से इंजीनियर शाहनवाज, पुणे पुलिस की हिरासत से भाग निकला था और गिरफ्तारी के वक्त वह दिल्ली में रह रहा था। उसके दो सहयोगियों की पहचान इमरान और युनूस के रूप में हुई है।छानबीन के दौरान यह सामने आया कि शाहनवाज और उसके सहयोगी आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे।अधिकारी ने बताया, ‘शाहनवाज, इमरान और युनूस की गिरफ्तारी के बाद से ही हम सतर्क हैं। प्रतिदिन सख्त निगरानी और चौबीसों घंटे गश्त की जा रही है।’

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