प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 मार्च को आजमगढ़ के दौरे पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए कई बीघे में खड़ी गेहूं की फसल को बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर रौंदा जा रहा है। वहीं किसानों ने इसका विरोध किया है।
जनपद के किसान नेताओं ने सवाल उठाया और कहा कि फसल रौंदने की बजाय आजमगढ़ के किसी खाली मैदान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए।
खबरों के अनुसार आजमगढ़ दौरे के दौरान पीएम मोदी दस हवाई अड्डों का लोकार्पण करेंगे और दक्षिण भारत के तीन हवाईअड्डों का भूमि पूजन भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा के लिए किसानों की गेहूं की कच्ची फसल को नष्ट करने पर सोशलिस्ट किसान सभा और पूर्वांचल किसान यूनियन ने विरोध किया है।
किसान संगठनों ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आजमगढ़ में जिस एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। उसके बारे में भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने कहा था कि उड़ान नहीं हो सकती कोई कंपनी आने को तैयार नहीं है। तो इस एयरपोर्ट के उद्घाटन की क्या आवश्यकता है?’
पीएम मोदी आजमगढ़ के जिस मन्दूरी एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे हैं उस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का विरोध ग्रामीण पिछले एक साल से अधिक समय से कर रहे हैं। आजमगढ़ के खिरिया बाग में महिलाओं ने एयरपोर्ट विस्तारीकरण में गांव और खेत की जमीन जाने का लम्बे समय तक विरोध किया।
सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंद मिनट के भाषण के लिए किसानों की फसल को मिट्टी में मिला दिया गया। सोशल मीडिया पर आ रहे अनेकों वीडियो-फोटो जिसकी तस्दीक कर रहे हैं। जो गेहूं और सरसो की फसल हफ्ते-दस दिन में पक कर तैयार हो जाती उसको मिट्टी में मिला दिया गया। किसानों को नींद नहीं आ रही है।’
किसान नेता राजीव यादव
राजीव यादव ने आगे कहा, ‘पिछले दिनों शीत लहर में जिन खेतों को रात-रात भर पानी से सींचा, अपने बच्चों की फीस बूढ़े-मां-बाप की दवाई रोककर-पेट काट कर यूरिया डाली उस फसल को चंद मिनट में तबाह कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से अन्य एयरपोर्टों का डिजिटल उद्घाटन करेंगे, उसी तरह से आजमगढ़ एयरपोर्ट का भी डिजिटल उद्घाटन किया जा सकता है।’
आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ लगातार बोलते आए हैं। कई बार सांसद निरहुआ और ग्रामीणों को आमने-सामने देखा गया।
किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि ‘ऐसा लग रहा है कि एयरपोर्ट के नाम पर हो रही जनसभा से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि हम जो चाहें वह कर सकते हैं। यह एक तानाशाही है कि जनसभा के लिए किसानों की लहलहाती फसल कटवा दी जाय। यह जनसभा आजमगढ़ के बहुतेरे मैदानों में से किसी एक में हो सकती थी।
गांव के किसानों कर अनुसार प्रशासन की ओर से 900 रुपया गेहूं और 1100 रुपया सरसो प्रति बिस्वा देने की बात हो रही है। जबकि नुकसान के एवज में यह राशि बहुत कम है।
‘गांव के लोग’ ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी से सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।
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