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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल : सांप्रदायिकता के एजेंडे से भारतीय सामाजिकता को बांटने का हासिल

राष्ट्रीय सेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। हिन्दू राष्ट्र के अपने झूठे संकल्प को पूरा करने के लिए संघ हिन्दू-मुस्लिम का खेल लगातार खेल रहा है। वर्ष 2002 में गुजरात में प्रायोजित गोधरा दंगों के बाद भाजपा ज्यादा मजबूती से ध्रुवीकरण करने में सफल रही है। लगातार अल्पसंख्यक समुदायों, किसानों, आदिवासियों और महिलाओं पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष हमले करवाकर उन्हें भयभीत कर रही है। बोलने वालों को जेल और अपने साथ खड़े होने वालों को ऊंचा पद दे सम्मानित कर रही है। 'सबका साथ सबका विकास' की जगह ' सबका साथ अपना विकास' का नारा मजबूत हो रहा है। संघ और भाजपा ने इन सौ वर्षों में और क्या कुछ किया, इसके आकलन के लिए पढ़िए  डॉ सुरेश खैरनार का विश्लेषणपरक लेख।

सम्पूर्ण दलित आंदोलन : पसमान्दा तसव्वुर – समाज में दलितों के साथ भेदभाव होता ही है चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान

पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर की ‘सम्पूर्ण दलित आन्दोलन : पसमान्दा तसव्वुर’ किताब में दलित मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थिति की जमीनी पड़ताल की गई है और साथ ही साथ लेखक ने इन स्थितियों में सुधार के संवैधानिक एवं राजनैतिक उपाय भी सुझाया है।

ई-रिक्शा चालकों का निवाला छीनने को वाराणसी प्रशासन क्यों आमादा है

प्राचीन काल से ही बनारस धार्मिक नगरी के रूप में पहचाना जाता रहा है लेकिन वर्ष 2014 के बाद, जब नरेंद्र मोदी ने यहाँ से चुनाव जीता, तब से लग रहा है कि काशी उन्होंने ही बनाई है। पक्के महाल को तोड़कर विश्वनाथ कॉरीडोर के निर्माण के चलते यह शहर पूरी दुनिया की नज़रों में आ गया। लेकिन बनारस को खूबसूरत बनाने के लिए लोगों के घरों को उजाड़ा गया। दुकानें  तोड़ी गईं। इसी तरह शहर को जाम से बचाने के लिए ई रिक्शा को बढ़ावा दिया गया तथा कंपनियों ने हजारों ई रिक्शे बेच डाले। लेकिन ई रिक्शा भी शहर को जाममुक्त नहीं कर सके और अब जाम का ठीकरा रोज कमाने-खाने वाले ई-रिक्शा चालकों पर फूटा है। नए नियम के अनुसार ई-रिक्शे का रूट मात्र 2 से 3 किलोमीटर तय कर दिया गया। इससे 25 हजार ई रिक्शा चालक भूखे मरने की कगार पर आ गए हैं।  

संविधान का उल्लंघन करने वाले ही घोषणा कर रहे हैं संविधान हत्या दिवस मनाने का

संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली वर्तमान केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की घोषणा की है। इनका कहना है कि 1975 में 25 जून को आपातकाल का लगाया जाना संविधान की हत्या करना ही था। यह आपातकाल एक बार लगा था लेकिन वर्ष 2014 से जब से भाजपा सरकार सत्ता में है, तब से पूरे देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है और देश के संविधान के विरुद्ध ही सभी निर्णय लिए जा रहे हैं। सवाल यह है कि ऐसे में संविधान हत्या दिवस की घोषणा करना क्या उचित है?

राहुल गाँधी को बच्चा कह देने से विपक्ष के मुद्दे कमजोर नहीं पड़ सकते

केंद्र की मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल संसद में विपक्ष के नेता के बिना ही चला और बीजेपी सरकार ने खूब मनमानी की। लेकिन अठारहवीं लोकसभा के चुनाव के बाद इस बार संसद में विपक्ष के नेता की बागडोर राहुल गांधी के जिम्मे है, और वे इस ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह निभा रहे हैं। इसे उन्होंने संसद के पहले सत्र में ही दिखा दिया। इस बार सत्ता पक्ष को संसद में उन सवालों से दो-चार होना ही पड़ेगा, जिनसे वह बचता आया था।

वाराणसी : डॉ ओमशंकर के आमरण अनशन के कारण विभागाध्यक्ष पद से हटाया गया

सर सुंदरलाल अस्पताल के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को प्रशासन ने उनके पद से हटा दिया। जबकि उनके कार्यकाल का 2 माह शेष रह गया था। डॉ ओमशंकर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ के के गुप्ता द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के कारण उन्हें पद से हटाने और हृदय रोग विभाग में बिस्तरों के संख्या (जो उपलब्ध है) मरीजों के लिए खोलने के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी पद की गरिमा के प्रतिकूल बातें क्यों कर रहे हैं?

वर्ष 2014 के बाद देश की स्थिति से सभी वाकिफ हैं। बीजेपी ने सांप्रदायिक घृणा फैला कर ध्रुवीकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इस काम का नेतृत्व किसके हाथ में है, सभी जानते हैं। इन्हीं बातों को उल्लेखित करते हुए डॉ सुरेश खैरनार ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा।

लोकसभा चुनाव : वाराणसी में इस बार ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव, बोले अजय राय

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय आमने-सामने हैं। मोदी से लगातार दो बार परास्त होने के बाद अजय राय इस बार जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्या ये मुद्दे उन्हें संसद तक पहुंचा पाएंगे?

लोकसभा चुनाव : भाजपा ने दूसरी सूची जारी की, नितिन गडकरी नागपुर से चुनाव लड़ेंगे

आज भाजपा ने 72 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची निकाल दी है। इसके पहले 3 मार्च को 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। जल्द ही चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आचार संहिता की घोषणा कर सकता है।

यूपी: आजमगढ़ में पीएम मोदी की जनसभा के लिए खेतों में खड़ी फसल को मशीनों से रौंदा

आजमगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के लिए 10 मार्च को आजमगढ़ के दौरे पर पहुंच रहे हैं। सभा के लिए मैदान तैयार करने के लिए किसानों की फसलों को मशीनों से रौंदवा दिया गया।

झारखंड : क्यों बिरसा की धरती पर ‘बिरसाइत’ जी रहे मुश्किलों भरी जिंदगी?

उलगुलान के महानायक बिरसा मुंडा करोड़ों आदिवासियों के लिए गौरव और गुमान के प्रतीक हैं। साथ ही उनका बलिदान आदिवासियों के सपनों की बुनियाद के साथ सियासत की धुरी भी है। लेकिन बिरसा की धरती पर ही उनके अनुयायी ‘बिरसाइत’ परिवारों की जिंदगी मुश्किलों में गुजर रही। विकास का पहिया इनके गांवों में पहुंचने से पहले क्यों ठहर जाता है, पड़ताल करती एक रिपोर्ट..

वर्षों पहले गुजरात मॉडल का दावा करने वाले गुजरात में खुला पहला एम्स

देश के प्रधानमंत्री मोदी जिस गुजरात माॅडल की बात करके सत्ता में आए, उस गुजरात के विकास का सच अब सामने आया, जब प्रधानमंत्री ने राज्य के पहले एम्स का 25 फरवरी को उद्घाटन किया।

रविदास जयंती : एक तरफ प्रधानमंत्री प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे, दूसरी तरफ अराजक तत्वों ने तोड़ी प्रतिमा

एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथो संत रविदास की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ तो वहीं दूसरी तरफ मिर्जामुराद के खालिसपुर गाँव में इसी संत की प्रतिमा को अराजक तत्वों द्वारा तोड़ा-फोड़ा गया ।

सिस्टम के डंके ने बजते ही पोल खोलने की दी गारंटी

मोदी सरकार की गारंटी का डंका इतना बज रहा है कि लगातार उन पर परोक्ष हमले जारी हैं, चाहे किसान आंदोलन हो, एलेक्टरोल बॉन्ड पर कोर्ट का फैसला हो, चंडीगढ़ का मेयर चुनाव के फैसले पर बाजी पलटी हो, या फिर गूगल के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल जैमिनी हो, जिसने मोदी के फासीवादी होने के सवाल का जवाब दिया..सभी जगह उनकी पोल खोलते हुए डंका बज रहा है

मंदिर आयोजनों में मोदी की व्यस्तता उपनिवेशवाद से मुक्ति नहीं है

किसी भी समाज का विकास लोगों को रोजगार देने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने से होता है।बजाय मंदिर और मस्जिदों के उद्घाटन करने के। मोदी इन दिनों लगातार देश और विदेश में मंदिर उदघाटन कर रहे हैं, जो उपनिवेशवाद की तरफ बढ़ता एक कदम है।

वाराणसी : सड़कों के जाल से घिरे गाँवों में स्कूल और अस्पताल नहीं, फिर से ज़मीन जाने से आशंकित हैं किसान

वाराणसी से जौनपुर जाने के लिए बनी फोर लेन सड़क के किनारे पिण्डरा तहसील के आसपास के लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जिनमें न तो विद्यालय हैं और न ही स्वास्थ्य केन्द्र। ऊपर से किसानों को काशी द्वार के नाम पर फिर से जमीनें जाने का भय सता रहा है।

पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड निष्क्रिय किए जाने पर केंद्र सरकार की मंशा पर उठे सवाल

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में वंचित, अल्पसंख्यक समुदाय के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जाने पर ममता बनर्जी ने पीएम पर निशाना साधते हुए पूछा, क्या कारण है कि लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिये गए हैं।

पश्चिम बंगाल : सात दिन के अंदर बकाया भुगतान न करने पर ममता ने पीएम को दिया अल्टीमेटम

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र को सभी बकाया राशि का भुगतान करने के...

भाजपा सांसद निरहुआ का एयरपोर्ट के मुद्दे पर आ रहा बयान झूठ का पुलिंदा है : राजीव यादव

निरहुआ ने कहा था- एयर कंपनियों ने बताया है कि एयरपोर्ट बहुत छोटा है, उड़ान नहीं हो सकती। अब निरहुआ कैसे बयान दे रहे हैं कि मंदिर उद्घाटन से पहले मंदुरी से उड़ान शुरू होगी।

कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के विरोध में बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री पुरस्कार, पीएम को लिखा पत्र

नई दिल्ली। भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह के विरोध में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है।...

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