Thursday, October 23, 2025
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

साहित्य

मूँदहु आंख भूख कहुं नाहीं

अब गरज तो विश्व गुरु कहलाने से है, भूख बढ़ाने में विश्व गुरु कहलाए तो और भूख मिटाने में विश्व गुरु कहलाए तो। उसके ऊपर से 111 की संख्या तो वैसे भी हमारे यहां शुभ मानी जाती है। भारत चाहता तो पिछली बार की तरह, भूख सूचकांक पर 107वें नंबर पर तो इस बार भी रह ही सकता था। पर जब 111 का शुभ अंक उपलब्ध था, तो भला हम 107 पर ही क्यों अटके रहते? कम से कम 111 शुभ तो है। भूख न भी कम हो, शुभ तो ज्यादा होगा।

विश्वगुरु की सीख का अपमान ना करे गैर गोदी मीडिया

इन पत्रकारों की नस्ल वाकई कुत्तों वाली है। देसी हों तो और विदेशी हों तो, रहेंगे तो कुत्ते...

तुम्हारी लिखी कविता का छंद पाप है

मणिपुर हिंसा पर केन्द्रित कवितायें  हम यहाँ ख्यातिलब्ध बांग्ला कवि जय गोस्वामी की कुछ कवितायें प्रकाशित कर रहे हैं।...

हरिशंकर परसाई और शंकर शैलेंद्र की जन्मशती पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में  हरिशंकर परसाई और शंकर शैलेंद्र की जन्मशती पर संगोष्ठी का...

व्याकरण के प्रकांड विद्वान थे आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और आरसी प्रसाद सिंह की मनाई गई जयंती दरभंगा। आज विश्वविद्यालय हिंदी विभाग, ल.ना....

चुनमुन की कागज की नइया कहां गयी..

कवि-नाटककार मोहनलाल यादव स्वतःस्फूर्त और सहज रचनाकार हैं जिनकी कविताओं में न सिर्फ आम-जन का दुख-दर्द और संघर्ष के साथ ही व्यवस्था और सत्ता...

जयराम जय के नवगीत

मंच पर छाने लगेमंच पर छानेलगे हैं चुटकुलेकौन तोडे़गा ये पथरीले किले? हो गयींदुर्योधनी हैं कामनायेंअनवरत धृतराष्ट्रजैसी भावनायेंजिनको अपनासाथ देना चाहिये थावह चले हैं गैर...

इंटरनेट के ज़माने में बटनिया साहित्य और प्रेमचंद

 प्रेमचंद की कविताएं-कल एक अगस्त को मुंबई से उषा आठले ने ज़ूम मीटिंग के माध्यम से देश के अलग-अलग भागों में बैठे इप्टा और...

हमारा लक्ष्य – (लघु नाटक)

( आज 6 अगस्त है, आज से 76 वर्ष पहले दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराया. कभी न भुलाए...

राजस्थान की पूंछ का आख़िरी गाँव

मेरा गाँव मेरे लिए दुनिया की सबसे सुंदर जगह है, जहां मेरा बचपन बीता था। गाँव और बचपन की स्मृतियाँ मुझे रोमांचित कर देती...

दलितों को ‘हरिजन’ कहकर दिव्यता में उलझानेवाले उनके सिर उठाते ही दमन करते हैं

दूसरा और अंतिम हिस्साज़िंदगी की गहराई किताबों से नहीं अनुभव की आँखों से नापी जाती है। जो आँखें जूते के अंदर घुसे आदमी...
Bollywood Lifestyle and Entertainment