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हल्द्वानी में मदरसे और मस्जिद को ढहाए जाने पर हिंसा भड़कने के बाद कर्फ्यू, 60 लोग घायल

उत्तराखंड (भाषा) नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित एक मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी से ढहा दिया। जिसके बाद क्षेत्र में पैदा हिंसक स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार घटना में लगभग 60 लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम भी शामिल हैं। हिंसा […]

उत्तराखंड (भाषा) नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित एक मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी से ढहा दिया। जिसके बाद क्षेत्र में पैदा हिंसक स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार घटना में लगभग 60 लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम भी शामिल हैं।

हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद करवा दी गई हैं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर के प्राथमिक से उच्चतर तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।

वहीं, देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की।

बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने मदरसे और मस्जिद को नगर निगम ने अवैध बताया है जबकि अभी तक अदालत कि ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं आया है।

नगर निगम प्रशासन जहां कोर्ट से आदेश के बाद कार्यवाई की बात कह रहा है वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि बिना कोर्ट के आदेश के प्रशासन की ओर से कार्यवाई की जा रही है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी कहते हैं, ‘8 फरवरी को दिन के 2 बजे नैनीताल उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई हुई थी जिसमें न्यायालय ने अगली 14 फरवरी की तिथि नियत कर दी थी किंतु न्यायालय में तिथि बदले जाने के तत्काल बाद सरकार व प्रशासन द्वारा आनन फानन में इस वृहद संवेदनशील मामले में शाम को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करना समझ से बाहर है।’

नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अदालत के आदेश के अनुपालन में की गई है।

नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा और नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है। इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में ही कब्जा ले लिया था और अवैध मदर से एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था जिसे आज ध्वस्त किया गया है।

वहीं, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने हल्द्वानी में मदरसा तोड़ने के विवाद को लेकर हुई हिंसा, फायरिंग, आगजनी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों व जनता से शांति बनाए रखने और इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से समयबद्ध जांच करने की मांग की है।
केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि इस मामले में 14 फरवरी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर सुनवाई तय हो गई थी तब सरकार पुलिस प्रशासन की जल्दबाजी, अधूरी तैयारी सवालों के घेरे में है जिसकी निष्पक्ष जांच कर इसके जिम्मेदार लोगों कर कार्रवाई होनी चाहिए।
तिवारी आगे कहते हैं, ‘एक ओर बहुत सारे भू-माफिया वर्षों से सरकारी जमीनों पर दबंगगिरी से काबिज़ हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और दूसरी ओर संवेदनशील मामलों में सरकार संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। वहीं, जब विवादित जगह सरकार द्वारा पूर्व में ही सीज कर दी गई थी और उसका उपयोग नहीं हो रहा था तो सरकार द्वारा ध्वस्तीकरण में की गई हड़बड़ी सोचनीय है।’
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने निष्पक्ष न्यायिक जांच से पहले इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संदिग्ध भूमिका वाले सभी पुलिस प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों को हटाने की मांग की ताकि जांच की निष्पक्षता बनी रहे।
(भाषा के इनपुट के साथ)

 

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