टिहरी सीट इस समय देश भर में चर्चा का विषय बन चुकी है क्योंकि युवा प्रत्याशी बॉबी पँवार ने भाजपा के लिए सिरदर्द पैदा कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में वह उत्तराखंड के युवाओं की आवाज बनकर उभरे हैं। उन्होंने पेपर लीक के खिलाफ पूरे प्रदेश के युवाओ के साथ आंदोलन किया जिसके चलते उन पर कई फर्जी मुकदमे दर्ज किये गए। बॉबी पँवार उत्तराखंड में चल रही बदलाव की आहट का प्रतीक हैं।
उत्तराखंड के बागेश्वर के पिंगलो गांव में तो हरियाली की कमी नहीं है लेकिन स्थानीय स्तर पर जागरूकता की कमी के कारण लोग अपने आसपास के स्थानों को ही गंदा कर रहे हैं।
पिंगलों गांव के लोग बंदरों के आतंक से परेशान हैं। यहाँ बन्दर न सिर्फ फसलों को नष्ट कर दे रहे हैं बल्कि लोगों के ऊपर झपट्टा मारकर घायल भी कर दे रहे हैं।
उत्तराखंड के पिंगलों ‘गाँव में रोजगार का कोई साधन नहीं होने की वजह से लोग पलायन कर रहे हैं। नौजवान दिल्ली, मुंबई, सूरत, अमृतसर और अन्य शहरों के होटलों और ढाबों में काम करने को मजबूर हैं।
यूसीसी विधेयक आदिवासी समुदाय को छोड़कर राज्य के सभी निवासियों पर लागू होता है। राज्य में आदिवासी पूरी आबादी का 2.9% हैं और शुरू से ही यूसीसी के ख़िलाफ़ रहे हैं।
गुरुवार को पुष्कर सिंह धामी ने इस टीम को चेक वितरित किए थे, उस वक्त इन्होंने चेक लेने से इंकार कर दिया था लेकिन समझाने बुझाने के बाद आखिरकार इन्होंने पुरस्कार ले लिया, हालांकि चेक न भुनाने का सामूहिक फैसला भी लिया है
घाघरा उत्तर भारत में गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। भारत में यह नेपाल के चीसापानी से बहराइच जनपद में प्रवेश करती है। दरअसल, नेपाल में कैलाली प्रांत में तिब्बत के हिमनदों से निकलकर यह नदी बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करती है, जो वहाँ की जन संस्कृति और जैव विविधिता को जीवनदान देती है। तिब्बत में यह नदी मापचा चुँगो हिमनद पर समुद्र तल से 3962 मीटर ऊपर से निकलती है। फिर तिब्बत में यह मापचा सांपों के नाम से जानी जाती है। नेपाल में इसे कर्णाली नदी के नाम से जानते हैं। यह नेपाल की सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई 507 किलोमीटर है। नेपाल में दो बड़ी नदियाँ कर्णाली में अपनी यात्रा समाप्त करती हैं। पहली है सेती नदी और दूसरी भेरी नदी। यह नेपालगंज के पास सुर्खेत में अपनी यात्रा समाप्त कर कर्णाली को और खूबसूरत बना देती है। चीन में कर्णाली नदी की अंदर कुल लंबाई 113 किलोमीटर है और नेपाल में यह 507 किलोमीटर लंबी है।
अस्पताल की कमी और सड़क की खस्ताहाली का सबसे ज़्यादा बुरा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। प्रसव के समय करीब में अस्पताल नहीं होने से जहां उन्हें परेशानी होती है तो वहीं जर्जर सड़क के कारण उनके प्रसव दर्द को और भी जटिल बना देता है।
विकास के असमान वितरण के कारण जगथाना जैसे देश के दूर दराज़ गांव पिछड़ते जा रहे हैं। अगर देश को विकसित बनाना है तो हमें विकास के सभी पहलुओं और दूर दराज़ के गांवों को साथ लेकर चलना होगा। ऐसे में ज़रूरी है कि जगथाना जैसे देश के दूर दराज़ गांव को नेटवर्क जैसी ज़रूरतों से पूर्ण किया जाए, ताकि सभी नागरिक संवाद के एक मज़बूत डोर में बंध सकें।
बीज बोने से लेकर फसल कटाई के बीच की अवधि में फसल का पूरा ध्यान महिलाएं रखती हैं। वह उन्हें खरपतवार और कीट पतंगों के प्रकोप से बचाने के लिए उसका ध्यान रखती हैं। वह फसल को अपने बच्चों की तरह पालती हैं। भागुली देवी पूरे आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि भले समाज कृषि के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को सम्मानित नहीं करता हो, लेकिन समाज को यह बखूबी पता है कि हम महिलाओं के बिना कृषि का काम अधूरा है।