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ग्राउंड रिपोर्ट

जौनपुर में दलित छात्र की मौत, परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया आरोप

आयुष को करीब एक हफ्ते से बुखार आ रहा था। उसने फोन पर स्कूल में बुखार आने की जानकारी दी थी, लेकिन उसको स्कूल बुलाया गया। जब स्कूल से उसने जल्दी घर जाने की इज़ाज़त मांगी तो उसको मना कर दिया गया। हमारे बेटे की मौत का कारण स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य है। इन दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

परिजनों ने प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

कहा- बुखार से पीड़ित मेरे बेटे को प्रिंसिपल ने धूप में खड़ा कराया 

जौनपुर। जिले के एक प्राइवेट स्कूल में दलित छात्र की मौत हो गई है। छात्र को करीब 2 घंटे तक धूप में स्कूल के गेट के पास खड़ा रहने की सज़ा दी गई थी। वह 10वीं में पढ़ता था। परिजनों के अनुसार, छात्र को बुखार आ रहा था और बेचैनी होने पर वह प्रिंसिपल से जल्दी घर जाने के लिए परमिशन मांगने गया था। लेकिन प्रिंसिपल ने उसको क्लास के बाहर धूप में खड़ा कर दिया। छुट्टी होने पर छात्र ने अपना बैग लिया और साइकिल से घर जाने के लिए निकला। तभी स्कूल गेट पर गिर गया। मामले की जानकारी स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को दी। मौके पर पहुंचे घरवाले और टीचर बच्चे को अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नाराज परिजनों ने शव सड़क पर रखकर हंगामा किया। परिजनों ने प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। यह पूरा मामला जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र का है। घटना शनिवार की है।

जानकारी के अनुसार सेमरहू गांव का का रहने वाला आयुष सरोज (16) बंधवा बाजार स्थित कंचन बालिका इंटर कॉलेज में 10वीं में पढ़ता था। परिवार वालों के अनुसार, ‘आयुष को करीब एक हफ्ते से बुखार आ रहा था। उसने फोन पर स्कूल में बुखार आने की जानकारी दी थी, लेकिन उसको स्कूल बुलाया गया। जब स्कूल से उसने जल्दी घर जाने की इज़ाज़त मांगी तो उसको मना कर दिया गया। हमारे बेटे की मौत का कारण स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य है। इन दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’

आयुष के साथ पढ़ने वाले एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘आयुष जब स्कूल आया तो उसको तेज बुखार था। वह ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा था। उसने क्लास टीचर से छुट्टी की बात कही तो उन्होंने प्रिंसिपल के पास जाने के लिए बोल दिया। प्रिंसिपल ने पूरे क्लास के सामने उसको डांटा और उसे बाहर निकाल दिया।’

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छात्र ने आगे बताया, ‘जब आयुष क्लास के अंदर आया तो उसका पूरा चेहरा लाल था। उसको चक्कर आ रहे थे। उसने पानी पिया और फिर दीवाल से पीठ सटाकर आराम करने लगा। छुट्टी होने पर मैंने ही उसको उठाया था। वह बहुत मुश्किल से साइकिल लेकर घर जा रहा था, लेकिन तभी गेट पर गिर गया।’

वहीं, इस घटना पर स्कूल के प्रबंधक संतोष जायसवाल ने बताया कि छात्र जब घर के लिए निकल रहा था, तभी गेट के सामने चार पहिया वाहन आ गया और वह घबराकर गिर गया, जिससे उसकी मौत हुई है। बाहर खड़ा करने से उसकी मौत नहीं हुई है।

इस मामले में सीओ अतर सिंह ने कहा कि कि मृत छात्र के पिता की तहरीर पर प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। परिजनों का आरोप है कि छात्र को बीमार होने के बाद भी दो घंटे स्कूल में खड़ा कराया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। हम लोग मामले की जांच कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण पता चल पाएगा।

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