Tuesday, October 15, 2024
Tuesday, October 15, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमशिक्षाRTE के बावजूद स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे अभिभावक

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

RTE के बावजूद स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे अभिभावक

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक लामबंद होने लगे हैं। सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। मामला केवल निजी स्कूलों द्वारा आरटीई दाख़िला प्राप्त अभिभावकों से अवैध वसूली, दाख़िले के लिए एडमिशन फीस माँगने, फ़ी रेगुलेशन एक्ट 2018 और सुप्रीम कोर्ट व हाई […]

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक लामबंद होने लगे हैं। सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। मामला केवल निजी स्कूलों द्वारा आरटीई दाख़िला प्राप्त अभिभावकों से अवैध वसूली, दाख़िले के लिए एडमिशन फीस माँगने, फ़ी रेगुलेशन एक्ट 2018 और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करवाने मात्र तक सीमित नहीं है बल्कि इस बार निजी स्कूलों ने कानून प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस प्रकार मनमाने तरीके से 10 से 40 प्रतिशत फीस बढ़ाई उससे अभिभावकों में आक्रोश है। निजी स्कूलों को लेकर बढ़ाई गई फीस, आरटीई के तहत बच्चों का एडमिशन नहीं होना, हाईकोर्ट के आदेश पर 15 प्रतिशत फिस वापसी, कोरोना काल की फीस बकाया होने के चलते छात्रों की पढ़ाई रोकने सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर अभिभावकों ने मंगलवार को राजातालाब स्थित एक लॉन में अभिभावकों की बैठक हुई। बैठक में एक दर्जन से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक शामिल हुए और अपनी समस्याओं को रखा।

बोले अभिभावक 

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि बैठक में अभिभावकों से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक सभी अभिभावक अपने-अपने स्कूल को शिकायत पत्र लिखेंगे। इसके बाद शिकायत की प्रतिलिपि शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशक, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। शिकायत पत्रों का जवाब नहीं देने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इसके लिए अलग से पत्र लिखा जाएगा। इसके बावजूद अगर सुनवाई नहीं होती है तो सभी अभिभावक सड़क पर उतरेंगे और कानून ने जो अधिकार अभिभावकों को दिए हैं उसका पालन सुनिश्चित कराने की मांग करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा कानून का पालन नहीं करवाने के मामले को लेकर भी कोर्ट में शिकायत करेंगे। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर कार्यवाही की याचिका लगाई जाएगी।

बोले अभिभावक 

बैठक में अभिभावकों ने कहा कि यह समस्या पिछले कई वर्षों से चल रही है। हम लोगों ने शिक्षा विभाग से कई बार इसकी शिकायत की लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अभिभावकों ने सवाल किया कि अगर शिक्षा विभाग को कानून का पालन ही नहीं करना है तो शिक्षा के अधिकार को लेकर जो कानून बनाए गए हैं उनको कचरे में क्यों नहीं डाल देते? जब स्कूल प्रबंधन की सह पर ही विभाग को काम करना है तो सभी कानूनों को रद्द कर उन्हीं के अनुसार कानून क्यों नहीं बना देते! इस दौरान रामाश्रय प्रजापति, सभेलाल पटेल, संतोष कुमार, पंकज पांडेय, राम सिंह वर्मा, सुनिल कुमार, मनोज विश्वकर्मा आदि लोग उपस्थित थे।

राजकुमार गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।
1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here