Tuesday, March 18, 2025
Tuesday, March 18, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमवीडियोपहले दिल्ली के दलित साहित्यकार अपने को सुप्रीम समझते थे - जवाहर...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

पहले दिल्ली के दलित साहित्यकार अपने को सुप्रीम समझते थे – जवाहर लाल कौल व्यग्र

जवाहरलाल कौल व्यग्र हिन्दी के वयोवृद्ध दलित कवि-कथाकार हैं। व्यग्र जी का जन्म बनारस में हुआ और वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपर जिला जज के रूप में काम करते हुये सेवानिवृत्त हुये। उनके अब तक तीन कविता संकलन और दो कथा-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। बयासी वर्ष के ऊपर हो रहे व्यग्र […]

जवाहरलाल कौल व्यग्र हिन्दी के वयोवृद्ध दलित कवि-कथाकार हैं। व्यग्र जी का जन्म बनारस में हुआ और वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपर जिला जज के रूप में काम करते हुये सेवानिवृत्त हुये। उनके अब तक तीन कविता संकलन और दो कथा-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। बयासी वर्ष के ऊपर हो रहे व्यग्र जी जिस सामाजिक-आर्थिक स्थिति से आए हैं उसके अनुभवों ने उनको एक अलग स्तर पर खड़ा किया है। वे दलित और उत्पीड़न जैसे लगभग पर्यायवाची बन गए शब्दों का प्रतिकार रचते हैं। इस लिहाज से अपर्णा से हुई बातचीत से सोच के नए आयाम सामने आते हैं। देखिये और सब्सक्राइब कीजिये।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here