
अंडिका बाग में धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अंडिका बाग में पिछले 56 दिन से लगातार धरना चल रहा है। जिसके बारे में लगातार खुफिया विभाग के लोग हमसे बात करके सूचनाएं सरकार को भेज रहे हैं। गौरतलब है कि यह धरना तब शुरू हुआ जब एसडीएम फूलपुर से पूछा गया कि सर्वे किस आधार पर किया जा रहा है। जवाब में एसडीएम ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम।
वक्ताओं ने कहा कि जिन लोगों ने फर्जी सर्वे करके गांव वालों का जीना दूभर कर दिया है, उनके खिलाफ मुकदमा होना चाहिए था। लेकिन ग्रामवासियों पर मुकदमा करके सरकार ने साबित कर दिया है कि वह किसान और मजदूर विरोधी है।
वक्ताओं ने प्रशासन पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए बताया कि 8 मई को धारा 188 और 353 में दर्ज एफआईआर में लिखा गया है कि हम सर्वे का विरोध कर रहे हैं। सवाल है कि प्रशासन आखिर क्यों नहीं इस सवाल को हल करता। प्रशासन द्वारा कहा गया कि जब धरने पर बैठे लोगों से पूछताछ की गई तो वे धरनास्थल से चले गए। वक्ताओं ने बताया कि यह प्रशासन का सफ़ेद झूठ है। हम अपनी जमीन पर धरने पर बैठे हैं। उसकी पहरेदारी कर रहे हैं कि इसको कोई लूट कर न ले जाए। क्या अपने समान की सुरक्षा करना अपराध है। अपनी जमीन बचाने के लिए भी क्या इजाजत ली जाएगी। घर में लूट हो रही हो तो क्या पुलिस से इजाजत लेकर विरोध होगा।
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