लुधियाना, फिरोजपुर, संगरूर समेत पंजाब के कई हिस्सों से किसान रविवार को मोहाली के फेज-11 तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) चौक मार्ग पर मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए। उन्हें तीन दिवसीय प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर आते देखा गया। वे अपने साथ राशन, बिस्तर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर जैसी आवश्यक वस्तुएं भी लेकर आए हैं। भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने बताया कि सैकड़ों किसान पहले ही प्रदर्शन स्थल पर पहुंच चुके हैं। एक किसान ने बताया कि वह शनिवार दोपहर फिरोजपुर स्थित अपने गांव से रवाना हुए थे और लगभग दो बजे मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर पहुंचे।
VIDEO | Farmers from across Punjab arrive in Mohali ahead of their march towards Raj Bhavan in Chandigarh. pic.twitter.com/i4yHavt8In
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2023
पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली-चंडीगढ़ सीमा के पास अवरोधक लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। चंडीगढ़ पुलिस ने एक यातायात परामर्श में कहा कि आंदोलन के मद्देनजर पूर्व मार्ग पर फैदां से मोहाली स्थित शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की ओर जाने वाली सड़कें 28 नवंबर तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। पुलिस ने हवाई अड्डे, एयरोसिटी और बेस्टेक मॉल की ओर जाने वाले वाहन चालकों को फैदां से दाईं ओर जाने और फिर सेक्टर 46/47/48/49/ चौक से बाईं ओर सीधे ‘एयरपोर्ट’ मार्ग की ओर जाने की सलाह दी है।
किसानों की मुख्य मांगें
- गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस।
- धान की बुवाई के लिए 10 जून से पूरे पंजाब में निर्विघ्न बिजली आपूर्ति।
- मूंग, मक्का व बासमती की एमएसपी पर खरीद की अधिसूचना जारी हो।
- बासमती का एमएसपी 4500 रुपये करें।
- पंचायती जमीनों पर कब्जा किए किसानों को न हटाया जाए।
- सहकारी बैंकों व अन्य संस्थाओं द्वारा कर्जे पर वारंट और कुर्की बंद हो।
- किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएं।
विफल रहे राज्य सरकार के प्रयास
उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने किसानों को मनाने की काफी कोशिश कर रही है लेकिन उसके सारे प्रयास विफल रहे। मोहाली प्रशासन ने किसान नेताओं को बैठक के लिए चंडीगढ़ लाने के उद्देश्य से बस का प्रबंध किया, लेकिन किसान नेता मुख्यमंत्री के साथ बैठक पर अड़े रहे। प्रशासन ने किसानों को फिर से समझाने का प्रयास किया कि वह चंडीगढ़ कूच का इरादा त्याग दें। सरकार के सीनियर अधिकारी धरना स्थल पर मांगपत्र लेने भी पहुंचे लेकिन किसान नहीं माने।
चंडीगढ़ (भाषा)। किसान गेहूं की फसल के मुआवजे को बढ़ाने सहित मंडल स्तरीय रोपाई और बिजली कटों का विरोध कर रहे हैं। वहीं सुबह मोहाली में जुटे किसानों के कारण पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। उधर, पंजाब के विभिन्न हिस्सों से किसान रविवार को मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के लिए अपने तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत की। यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन से पहले सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग परिवर्तन किया गया है।किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों (अब रद्द किये जा चुके) के खिलाफ 2020-21 में हुए आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, उस दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी, कर्ज माफी तथा पेंशन की मांग कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा विभिन्न किसान संघों का संगठन है। किसानों ने घोषणा की है कि वे अपनी मांगों से जुड़ा एक ज्ञापन पंजाब के राज्यपाल को देने के लिए चंडीगढ़ में राजभवन तक मार्च करेंगे।