होशियारपुर/अमृतसर। 21 फरवरी को शंभू सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में हरियाणा पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने से एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। जिसके बाद किसान यूनियनों ने दो दिन तक किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया था त आकी आगे की रणनीति तय की जाए।
हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हिंसा में मारे गये किसान शुभकरण सिंह के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए ‘एसकेएम ने ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान किया था। पोरे पंजाब के किसान इस काला दिवस पर प्रदर्शन किए।
शुक्रवार को याने आज के दिन को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ‘काला दिवस’ के रूप मनाया गया। साथ ही राज्य पर हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के पुतले फूंके।
किसानों ने कहा कि सरकार का यदि इसी तरह का रवैय्या रहा तो किसान भी इसका जवाब देने को तैयार है। देश के अनेक हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि 26 फरवरी को पूरे देश के किसान ट्रेकटर मार्च निकलेंगे और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे। यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी तो तो एचएम ज्यादा ताकत के सतह लड़ेंगे।
पूरे पंजाब में युवा किसान के मारे जाने को लेकर अनेक प्रदर्शन हुए। जिसमें भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने बताया कि उसने सिंह की मौत के विरोध में पंजाब के 17 जिलों में 47 स्थानों पर प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू-एकता उगराहां), एसकेएम का हिस्सा है।
भाकियू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले फूंके।
खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान की मौत के बाद किसानों ने मोदी का पुतला जलाया #FarmersProtest2024 #FarmerProtest #Modi pic.twitter.com/BPW9tMi5Iz
— Gaon Ke Log (@gaonkelogbsb) February 23, 2024
अमृतसर में, किसानों ने मुख्य प्रवेश बिंदु न्यू गोल्डन गेट पर, भाजपा नीत केंद्र सरकार का पुतला फूंका।
एसकेएम नेता रतन सिंह रंधावा ने कहा कि सीमा पर स्थित डोएकी, महिमा, पंडोरी, मोधे और रातोकी सहित विभिन्न गांवों में विरोध प्रदर्शन किया गया। एसकेएम और व्यापार संघों के सदस्यों ने संयुक्त रूप से लुधियाना में लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया।
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज के पुतले फूंके। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों के इस्तीफे और सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
सरकार किसी भी तरह इस आंदोलन को बंद कराना चाह रही है। शंभू सीमा पर 21 फरवरी को हुए हंगामेन के बाद हरियाणा सरका सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए के लिए आंदोलनकारियों के खिलाफ रासुका लगाने के साथ उनकी संपत्ति और खाते सीज करने की बात कही है।
ठीक इसी तरह का प्रदर्शन होशियारपुर जिले में भी हुआ, जहां किसानों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उन्होंने सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने सहित प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मानने की मांग की।