Tuesday, December 3, 2024
Tuesday, December 3, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमशिक्षाघाटशिला : BDSL महिला कॉलेज के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हड़ताल

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

घाटशिला : BDSL महिला कॉलेज के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हड़ताल

घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत बीडीएसएल महिला महाविद्यालय में चल रही शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल व धरने को आज झामुमो के केंद्रीय सदस्य महावीर मुर्मू का समर्थन मिला। कर्मचारियों ने अपनी प्रमुख माँगे भी रखीं। जताई भीषण नाराजगी धरनास्थल पर मुर्मू ने कहा कि वर्तमान प्रभारी प्राचार्य के तानाशाही रवैये के कारण शिक्षक और […]

घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत बीडीएसएल महिला महाविद्यालय में चल रही शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल व धरने को आज झामुमो के केंद्रीय सदस्य महावीर मुर्मू का समर्थन मिला। कर्मचारियों ने अपनी प्रमुख माँगे भी रखीं।

जताई भीषण नाराजगी

धरनारत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी

धरनास्थल पर मुर्मू ने कहा कि वर्तमान प्रभारी प्राचार्य के तानाशाही रवैये के कारण शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की स्थिति शोचनीय और चिंतनीय हो गई है। विगत वर्ष 2018-2019 और 2019-2020 की अनुदान राशि अभीतक नहीं मिली है, जिसके कारण कॉलेज के कर्मचारियों को परिवार का भरण-पोषण में काफी दिक्कतें हो रही हैं। विगत आठ महीनों से उनका मासिक वेतन भी उनको नहीं मिल रहा है। उन्होंने प्रशासन से अविलम्ब इस मामले को संज्ञान में लेकर हड़ताल को समाप्त कराने की मांग की।

महाविद्यालय के कर्मचारियों की माँगे-

  • प्रभारी प्राचार्या को तत्काल पदमुक्त किया जाए।
  • निवर्तमान सचिव का हस्तक्षेप बन्द हो।
  • शासी निकाय का पुनर्गठन हो।
  • महाविद्यालय की आर्थिक समस्याओं का निराकरण हो।
  • वार्षिक अनुदान पर लगी रोक को हटाया जाए।
  • वरिष्ठ शिक्षक को प्राचार्या का प्रभार दिया जाए।

…नहीं तो जारी रखेंगे धरना

सभी कर्मचारियों ने एक स्वर से कहा कि जब तक उनकी माँगे नहीं मानी जाती, तबतक यह हड़ताल जारी रहेगा। धरनास्थल पर एआईएसएफ छात्र नेता विक्रम कुमार, झामुमो नेता पप्पू उपाध्याय, मनोज ताँती, सुनील मुर्मू, सरकार किस्कु के अलावा महाविद्यालय के कर्मचारी एसके सिंह, पुष्पा गुप्ता, एसके पति, मोनिका साव, रूमा सीट, कुंदन कुमार, शेखर मल्लिक, जितेन दे, रतन दे, बोकुल पाल, गौतम दत्ता आदि मौजूद थे।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here