11 अक्टूबर को ग्राम्या संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज, नौगढ़ में बच्चों एवं शिक्षकों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्राम्या संस्थान की निदेशक बिन्दु सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनके अधिकार दिलाने हेतु संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर 2011 से ही प्रतिवर्ष 11अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। ताकि दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सके और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें साथ ही दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असमानता को खत्म किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर इस वर्ष का थीम रखा है -हमारा आज, हमारा अधिकार, हमारा भविष्य। इस थीम ने बालिकाओं को संवैधानिक अधिकारों से परिचित करते हुए उनके वर्तमान और भविष्य को और बेहतर बनाया जा सकता है। अभी भी हमारे समाज में लड़कियों को पढ़ाई-लिखाई, खान-पान, बाहर आने जाने का अवसर कम ही मिल पाते हैं। यदि बालिकाएं शिक्षित हों और अपने अधिकारों के प्रति सचेत हों आगे बढ़ने के रास्ते उन्हें खुद मिलते जायेंगे।
लड़की और लड़के सभी को समान अवसर मिलेगा, तभी हम स्वस्थ समाज की कल्पना कर सकते हैं कालेज के शिक्षक गंगा सागर उपाध्याय ने कहा कि सभी लड़कियों को अपने घरों में अभिभावकों से अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। हक़ के लिए आवाज उठाना कोई विद्रोह नहीं है राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आलोक कुमार ने बताया कि लैंगिक असमानता हमारे समाज का अभिशाप है। इसे जड़ से समाप्त करना होगा लड़कियों के पढ़ाई के लिए मैं खुद विशेष अवसर देता हूं और इसके लिए प्रयास भी करता हूँ कि उनकी पढ़ाई बीच में ना छूटे।
संस्थान द्वारा इस तरह के कार्यक्रम लगातार किए जाते हैं। मैं चाहता हूं कि आगे भी इस तरह के जागरूकता हेतु कार्यक्रम किए जाएं। कार्यक्रम में स्कूल की बच्चियों के साथ संतोष कुमार यादव, प्रदीप कुमार, योगेश प्रसाद, सुनील गुप्ता, प्रमोद तिवारी, कृष्ण प्रताप वर्मा, प्रदीप शुक्ला, अवनीश श्रीवास्तव शामिल हुए।