कल बाजार से लौट रहा था तो गांव की एक भौजाई ने हमदोनों (मैं और मेरी पत्नी) को देखकर टिप्पणी की– 'एकदम गेंठी जोड़ाकर चलते ह नवल' (नवविवाहित की तरह गांठ जोड़कर चलना)। उनकी टिप्पणी का मेरी पत्नी ने माकूल जवाब दिया। मगही में इस तरह के संवाद सुनने में अच्छे लगते हैं। दूसरा यह कि महिलाएं एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए किस तरह के संवाद का उपयोग करती हैं, यह समझने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं है।

नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
न्याय और अन्याय इस गणितीय प्रमेय से समझिए (डायरी, 2 जुलाई, 2022)