मेरी बेटी साक्षी के सवाल ऐसे ही होते हैं। उसकी तरह ही चुलबुली और थोड़ी-सी नुकीली। कल उसने यह खास सवाल किया कि पापा, सभ्यता की वजह ज्ञान है… Read More...
कल का दिन भी बुखार के साथ ही बीता। हालांकि सुबह में इसका असर कम था। ऐसा शायद इस वजह से कि सुबह में परिजनों ने पारासिटामोल की अच्छी-खासी डोज… Read More...
मेरी शिक्षा नियतिवाद को खारिज करती है और इस कारण मेरी अपनी जिंदगी आडंबरों से मुक्त है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मेरे जीवन में जुड़े सभी… Read More...
वक्त की गति बहुत तेज होती है। लेकिन यह भी सापेक्षवाद के सिद्धांत का अनुसरण करता है। मतलब यह कि आदमी की गति जितनी तेज होती है, वक्त की गति भी… Read More...
जीवन में मोह का महत्व होता ही है। मोह न हो तो जीवन का कोई उद्देश्य भी नहीं होता। बिन माया-मोह जीवन की बातें महज चोंचलेबाजी हैं। मेरे जीवन… Read More...
लोकोक्तियों और मुहावरों का अपना ही महत्व होता है। फिर चाहे वह किसी भी भाषा या बोली के क्यों ना हों। बाजदफा तो ये इतने अलहदा होते हैं कि इनके… Read More...