केन्द्र की मोदी सरकार भारतीय रेलवे को अयोग्य साबित कर निजी हाथों में बेचना चाहती है। कन्फर्म टिकट के बावजूद लोग चैन से रेल की यात्रा नहीं कर पा रहे है। लोग शौचालयों में बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं। देश के प्रधानमंत्री भारतीय रेलवे को अपने मित्रों को बेचना चाहते है। यह आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर लगाया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार रेलवे को ‘अयोग्य’ साबित करना चाहती है ताकि इसे अपने ‘मित्रों’ को बेचने का बहाना मिल सके। उन्होंने लोगों से आम आदमी की सवारी को बचाने के लिए मोदी सरकार को हटाने का अनुरोध किया।
यात्रा के दौरान होने वाली समस्याओं की दिलाई याद
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधने के लिए ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया जिसमें लोग ट्रेन के शौचालयों में और फर्श पर बैठकर यात्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, नरेन्द्र मोदी के राज में ‘रेल का सफर’ सजा बन गई है। आम आदमी की ट्रेनों से जनरल के डिब्बे कम कर सिर्फ ‘एलीट ट्रेनों’ का प्रचार कर रही मोदी सरकार में हर वर्ग का यात्री प्रताड़ित हो रहा है।’
नरेंद्र मोदी के राज में ‘रेल का सफर’ सज़ा बन गया है!
आम आदमी की ट्रेनों से जनरल डिब्बे कम कर सिर्फ ‘एलीट ट्रेनों’ का प्रचार कर रही मोदी सरकार में हर वर्ग का यात्री प्रताड़ित हो रहा है।
लोग कन्फर्म टिकट लेकर भी अपनी सीट पर चैन से बैठ नहीं पा रहे, आम आदमी ज़मीन पर और टॉयलेट में… pic.twitter.com/BYLWPB7j37
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2024
उन्होंने दावा किया कि लोग ‘कन्फर्म’ टिकट लेकर भी अपनी सीट पर चैन से बैठ नहीं पा रहे, आम आदमी जमीन पर और शौचालय में छिपकर यात्रा करने को मजबूर है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार अपनी नीतियों से रेल को कमजोर कर ‘अयोग्य’ साबित करना चाहती है ताकि उसे अपने मित्रों को बेचने का बहाना मिल सके।’
राहुल गांधी ने कहा कि अगर आम आदमी की सवारी को बचाना है तो रेलवे को बर्बाद करने में जुटी मोदी सरकार को हटाना होगा।’
बुजुर्गों को यात्रा पर मिलने वाली रियायत खत्म
एक समय था जब 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को यात्रा के दौरान टिकट में रियायत मिलती थी। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार में बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत खत्म कर दी गई। इससे अब बुजुर्ग व्यक्ति रेलवे की यात्रा से कतराने लगे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि सरकार द्वारा चलायी गई बहुत सारी गाड़ियों में यात्री ही नहीं मिल रहे और गाड़ी रेलवे टैक पर खाली ही दौड़ रही हैं।
टिकट के दामों में भारी इजाफा
देखा जाय तो पिछले कुछ समय से रेलवे के टिकट के दामों में सरकार की ओर से भारी इजाफा हुआ है। रेलवे और हवाई जहाज की कुछ श्रेणियों के टिकट के दाम एक समान हो गए है। जिससे लोग रेल से यात्रा करने से कतराने लगे हैं।
सरकार की तरफ से वंदे भारत जैसी गाड़िया चलायी गई। इन के टिकट का दाम हवाई जहाज के टिकट से भी अघिक है। ऐसे में इन गाड़ियों के लिए यात्री ही नहीं मिल रहे हैं।
वर्ष 2004 से 2009 के दौरान जब लालू प्रसाद यादव यूपीए गठबंधन से रेल मंत्री थे। तब लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में रेलवे पहली बार मुनाफे में रही। लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री काल के दौरान ही पहली बार जनरल बोगी में बैठने वाली चेयर को स्लीपर के चेयर की तरह बनाया गया। इसका कारण लालू प्रसाद यादव का जमीनी स्तर का नेता होने के साथ ही आम जनता का हितैषी होना माना जाता है।
लेकिन आज तो सरकार खुद ही रेल को निजी हाथों में बेचने में रूचि ले रही है, ऐसे में वह कदापि नहीं चाहती कि रेल फायदे में आए और आम जनता का भला हो। इसीलिए गाड़ियों से सामान्य बोगी को कम किया जा रहा है और कमर्शियल बोगियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
इससे सरकार को यह कहने का अवसर मिलेगा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही ट्रेनों के लिए यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। रेल घाटे में जा रही है इसलिए इसे क्यों न बेच दिया जाय।