दीपक शर्मा युवा कहानीकार और शिक्षक है। वे कहानियों के साथ लगातार सामाजिक मुद्दों पर लिखते और उन पर मुखर होकर बोलते हैं । यह बोलना दरअसल जातिवादी और ब्राह्मणवादी समाज पर करारा प्रहार होता है जो जाति के आधार पर योग्यता का पैमाना बनाते और श्रमजीवी व्यक्तियों और समाजों को हिकारत की नज़र से देखते हैं। दीपक इस साजिश में छिपे श्रम-शोषण को अच्छी तरह पहचानते हैं। अपर्णा से इस बातचीत में दीपक ने अपनी कहानियों के साथ नाई समाज के संकटों, संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में चर्चा की है।