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महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे बिगाड़ सकते हैं भाजपा का गणित, सर्वे में हुआ खुलासा

भ्रष्टाचार को लेकर सर्वे की बात की जाए तो 55% लोगों ने माना है कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 25% लोगों ने भ्रष्टाचार के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है और 16% लोगों ने राज्यों को दोषी ठहराया है। 

सीएसडीएस (विकासशील समाज के अध्ययन के लिए केंद्र) के लोकनीति कार्यक्रम के अंतर्गत लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्री-पोल सर्वे किया गया। सीएसडीएस लोकनीति के प्री-पोल सर्वे में 19 राज्यों के 10,019 लोगों को शामिल किया गया है। सर्वे के अनुसार भारत में महंगाई और बेरोजगारी सबसे बड़े मुद्दों के रूप में सामने आए हैं। यदि जनता ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को ही ध्यान में रखकर वोट किया तो भाजपा का सारा चुनावी गणित बिखर सकता है। भाजपा इस चुनाव में मुख्यतः राम मंदिर, अनुच्छेद 370, CAA जैसे मुद्दों पर अपना चुनाव अभियान केंद्रित किए हुए है। 

क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़े

सर्वे में शामिल आधे से अधिक उत्तर दाताओं ने देश में महंगाई और नौकरियों की कम संख्या के बारे में चिंता व्यक्त की है। 62 % लोगों ने माना है कि नौकरी पाना अब कठिन हो गया है, जबकि 12% लोगों के अनुसार नौकरी पाना आसान हुआ है। 

सर्वे में शामिल लोगों ने बड़ी संख्या में माना है कि मूल्य वृद्धि ने उनकी जेबों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। 

71 % लोगों का मानना है कि वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं। 76% गरीबों ने माना है कि महंगाई उन पर भारी पड़ रही है। उनके जीवन को प्रभावित कर रही है।

भ्रष्टाचार को लेकर सर्वे की बात की जाए तो 55% लोगों ने माना है कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 25% लोगों ने भ्रष्टाचार के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है और 16% लोगों ने राज्यों को दोषी ठहराया है। 

लोगों की बचत की बात की जाए तो केवल 22% लोगों ने ही माना है कि वे अपनी घरेलू आय से पैसे बचाने में सक्षम हैं, 36% लोगों का मानना है कि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं लेकिन पैसे बचाने में सक्षम नहीं हैं। 

यदि जीवन स्तर में बेहतरी की बात की जाए तो सर्वे में शामिल 48% लोगों ने माना है कि उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है जबकि 35% ने माना है कि उनके जीवन स्तर की गुणवत्ता पिछले 5 वर्षों में खराब हुई है। 

 

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