नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर दो लाख युवा छात्रों को न्याय देने की मांग की है जिनका चयन सेना की नियमित सेवा में तो हो गया है, लेकिन उनकी नियुक्ति अभी तक नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने अग्निवीर योजना के नाम पर युवाओं के शोषण को बंद करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा इनकी भर्ती रोककर ‘अग्निपथ’ योजना लाई गई जिसके कारण इन युवाओं को पीड़ा झेलनी पड़ रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में लिखा, ‘हाल ही में मैं इन नौजवानों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि 2019 और 2022 के बीच लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को सूचित किया गया था कि उन्हें तीन सशस्त्र सेवाओं- सेना, नौसेना और वायु सेना में चयनित कर लिया गया है। इन युवाओं ने कठिन मानसिक और शारीरिक परीक्षण तथा लिखित परीक्षा पास करने के लिए सभी बाधाओं के बावजूद संघर्ष किया था।’
मोदी सरकार ने 14 जून, 2022 को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। सरकार का यह निर्णय एकतरफा था।
इसमें कहा ये गया कि:
– सेना में भर्ती अग्निपथ योजना के माध्यम से की जाएगी।
– सेना की औसत आयु को कम और सेना का आधुनिकीकरण करना है।जबकि मोदी सरकार ने इस योजना को पैसा बचाने के लिए शुरू… pic.twitter.com/CGJ6YHjTNi
— Congress (@INCIndia) February 26, 2024
उन्होंने कहा, ‘31 मई 2022 तक उन्हें विश्वास था कि उन्होंने अपने सपने पूरे कर लिए हैं और उन्हें केवल अपने नियुक्ति पत्र का इंतजार था। उस दिन भारत सरकार द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और इसके स्थान पर अग्निपथ योजना लागू करने के निर्णय से उनके सपने चकनाचूर हो गये।’
उनके मुताबिक, ‘अग्निपथ योजना के साथ कई मुद्दे जुड़े हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष एमएम नरावणे ने लिखा है कि अग्निपथ से सेना ‘आश्चर्यचकित’ हो गई थी।’
खरगे ने कहा, ‘इसके अलावा, यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है…चार साल की सेवा के बाद अधिकतर अग्निवीरों को नौकरी ढूंढने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘इस सपने को पूरा करने में उन्हें (अभ्यर्थी) न केवल कई साल लग गए बल्कि 50 लाख आवेदकों में से प्रत्येक को 250 रुपये जमा करने पड़े, जो इन युवाओं से लिए गए 125 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि हताशा और निराशा के कारण कई ने खुदकुशी तक कर ली है। खरगे ने पत्र में कहा, ‘हमारे युवाओं को इस तरह से पीड़ा झेलने नहीं दिया जा सकता। मैं आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि युवाओं के साथ न्याय हो।’
ज्ञात हो कि इस योजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 16 जून, 2022 को सशस्त्र बलों में कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती के लिए की गई थी। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। इस योजना के तहत, 2026 तक कुल 1.75 लाख अग्निवीरों की भर्ती होनी है।
इस योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती होने वाला युवा 4 साल में रिटायर हो जाएगा। ऐसे में 18 साल की उम्र में अग्निवीर के रूप में सेना में अपनी नौकरी करने के बाद 22 साल की उम्र में रिटायर हो जाएगा। अगली नौकरी प्राप्त करने के लिए उस व्यक्ति के सामने बहुत सारी चुनौतियां खड़ी होगी।