पूर्वोत्तर में भाजपा शासित राज्य मणिपुर में बीते करीब डेढ़ महीने से जारी जातीय हिंसा में अब तक करीब सौ से अधिक लोग मारे गये हैं, वहीं 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हिंसा के कारण करीब 50 हजार लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए 350 राहत शिविर बनाये गये हैं। वहीं, अब तक हजारों लोग मणिपुर छोड़कर चले भी गये हैं।
इस बीच राज्य में शांति बहाल करने की कोशिश को बड़ा झटका लगा है। शनिवार, 10 जून को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के अलग-अलग समूहों के बीच शांति स्थापित प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक शांति समिति की घोषणा की थी। इस समिति में सीएम एन बीरेन सिंह और विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधियों समेत बुद्धिजीवी वर्ग के 51 सदस्यों को शामिल किया गया है। समिति की अध्यक्षता राज्य की गवर्नर अनुसूइया उइके करेंगी।
[bs-quote quote=”राज्य में बड़ी संख्या में सेना और केन्द्रीय बलों की तैनाती और तलाश अभियान चलाने के बावजूद वहां हिंसा जारी है और लोग अपने घरों को छोड़ कर भागने को मजबूर हैं।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
लेकिन अब खबर आ रही है कि कुकी समुदाय के अधिकतर प्रतिनिधियों ने इस शांति समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट के मुताबिक कूकी सदस्यों का कहना है कि पैनल में शामिल करने के लिए उनसे सहमति नहीं ली गई है। उनका तर्क है कि केंद्र सरकार को वार्ता के लिए सहायक परिस्थितियां बनानी चाहिए। अधिकतर कूकी सदस्यों ने पैनल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके समर्थकों की मौजूदगी का विरोध करते हुए पैनल का बहिष्कार करने की बात कही है।
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कुकी जनजाति के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस पैनल में सीएम एन बीरेन सिंह और उनके समर्थकों को भी शामिल किया गया है, इसलिए वह इस शांति समिति का बायकॉट करेंगे। द इंडीजीनियर ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ़) ने एक बयान जारी कर समिति में मुख्यमंत्री के शामिल होने पर विरोध जताया है।
Condemnation :
ITLF strongly condemns the inclusion of Biren Singh, the very perpetrator of the current violence in the Peace Committees.#BirenResign #SaveManipurTribals #ManipurViolence @AmitShahOffice @AmitShah @narendramodi @thewire_in @EastMojo @Outlookindia @NELiveTV… pic.twitter.com/epV4vvdyKg
— ITLF Media Cell (@ITLFMediaCell) June 11, 2023
बता दें कि, मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सेना को बदनाम करने के आरोप में कुकी छात्र संगठन (केएसओ) के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है। खबर के मुताबिक, केएसओ पर कुकी आतंकवादियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों को बदनाम करने के लिए फ़र्ज़ी समाचार प्रकाशित करने का आरोप है।
FIR Against Kuki Students' Body Over Questioning Security Officers' Ethnicity
In the Kuki Students' Organisation (KSO) statement attached with the FIR, a copy of which is with NDTV, pic.twitter.com/JBZn2R5Rcu— Manipur News Hour (@manipurnewshour) June 12, 2023
गौरतलब है कि, राज्य में जारी हिंसा के बीच मणिपुर की कूकी-ज़ोमी-मिज़ो जनजाति की आदिवासी महिलाएं राज्य में आदिवासियों के साथ जारी हिंसा के खिलाफ मार्च करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के सामने बीते 7 जून को प्रदर्शन किया था।
गुस्साए मणिपुर वासी लगातार केंद्र से वहां शांति और सुरक्षा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। एक मणिपुरी के छात्र अब कह रहे हैं कि, युक्रेन-रूस युद्ध रुकवाने का ढोल पीटने वाले अपने ही देश के एक राज्य में दंगा नहीं रुकवा पा रहे हैं। ऐसे में कुकी सदस्यों द्वारा शांति समिति का बहिष्कार केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।
नित्यानंद गायेन गाँव के लोग डॉट काम के संवाददाता हैं।
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