एक हथियार के रूप में भाषा : डायरी (12 फरवरी, 2022) :
हम पत्रकार इस भाषा का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से करते रहे हैं। आप चाहें तो इसे शैली की संज्ञा भी दे सकते हैं या फिर शब्दों के चयन और संयोजन की कला भी। भाषा इसका भी निरूपण करती है। वैसे हम कैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, इसका निर्धारण भी काल और परिवेश के आधार पर करते हैं। रही बात यह कि हम भाषा कौन सी इस्तेमाल करते हैं तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस भाषा में अपने आपको अधिक सक्षम महसूस करते हैं।
पाकिस्तानी फकीर सैयद एजाजुद्दीन के साक्षात्कार के आधार पर खबर का जनसत्ता में प्रकाशन का मकसद यह है लता मंगेशकर की महानता को और अलंकृत किया जाय और इसके साथ ही हिंदी के विस्तार को बाधित किया जाय। इसका एक मकसद यह भी कि हिंदू और मुसलमानों के बीच के अंतर को और बढ़ाया जाय, जो कि मौजूदा केंद्रीय हुकूमत का नापाक मंसूबा भी है।

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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