Friday, March 29, 2024
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मध्य प्रदेश में गायों की दुदर्शा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र

प्रति, माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश मैं दिनांक 21 सितंबर को अपने गांव (कौड़िया, जिला नरसिंहपुर) गया था। मैं भोपाल से उदयपुरा के रास्ते से गया था। रास्ते में मुझे अनेक स्थानों पर गायों के झुंड दिखे। हर झुंड में 50 से लेकर 100 से ज्यादा गायें थीं। भोपाल से उदयपुरा के बीच […]

प्रति,

माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान,
मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

मैं दिनांक 21 सितंबर को अपने गांव (कौड़िया, जिला नरसिंहपुर) गया था। मैं भोपाल से उदयपुरा के रास्ते से गया था। रास्ते में मुझे अनेक स्थानों पर गायों के झुंड दिखे। हर झुंड में 50 से लेकर 100 से ज्यादा गायें थीं। भोपाल से उदयपुरा के बीच कम से कम 15 स्थानों पर गायों के झुंड सड़क के बीचों-बीच बैठी हुई अवस्था में या खड़े हुए मिले। स्पष्टतः ये गायें भूखी और प्यासी होंगीं। रास्ते में मुझे 8 से 10 गायें मृत अवस्था में भी मिलीं। इनकी मृत्यु हुए निश्चित ही कई दिन बीत गए होंगें क्योंकि उनसे भीषण दुर्गन्ध आ रही थी और उनके शरीर में कीड़े पड़ चुके थे।

सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में ये गायें सड़क पर कैसे पहुंचीं? इनके मालिक कौन हैं? वे क्यों इतने क्रूर हैं कि उन्होंने गायों को सड़क पर छोड़ दिया। ये गायें कई स्थानों पर सड़क की पूरी चौड़ाई को घेरकर बैठी या खड़ी थीं। ऐसी स्थिति में वाहन चालकों अत्यधिक सावधानी से चलना पड़ता है। रात्रि में  तो वाहन चालकों को और अधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। यह स्थिति तब है जब हम गायों को गौमाता कहते हैं, हम गायों की अच्छी से अच्छी देखभाल करने का दावा करते हैं।

मेरा अनुरोध है कि हाईवे पर इतनी बड़ी संख्या में गायों के आ जाने के क्या कारण हैं और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं इसकी सूक्ष्म जांच की जाए।

हम जब इसी मार्ग से वापस लौट रहे थे तब तेज वर्षा हो रही थी। वर्षा में भीगने के कारण ये गायें खासकर छोटे बछड़े ठंड से कांप रहे थे। ऐसी स्थिति में गायों और उनके बछड़ों को देखकर हम लोगों के दिल भी पसीज गए।

मेरा अनुमान है कि ऐसी ही स्थिति अन्य मार्गों और स्थानों की भी होगी। मेरा अनुरोध है कि इस बात की जांच करवाएं कि हम गायों के साथ इतनी क्रूरता क्यों कर रहे हैं।

आशा है इस संबंध में जरूरी एवं उचित कदम उठाए जाएंगे।  यदि संभव हो तो मुझे अवगत भी करवाएंगे।

सधन्यवाद।

एल एस हरदेनिया  

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