दाहोद (गुजरात) (भाषा)। बिलकीस बानो से सामूहिक दुष्कर्म मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद 11 दोषियों के आत्मसमर्पण करने की अब तक कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, वे जिन इलाकों में रहते हैं वहां शांति बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती पूर्व की तरह है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा करने के फैसले को रद्द कर दिया था।
दाहोद के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने बताया कि कि दोषियों से संपर्क बना हुआ है। उनमें से कुछ दोषी रिश्तेदारों से मिलने गए हैं। लेकिन उनके आत्मसमर्पण करने से संबंधित कोई भी सूचना उन्हें नहीं मिली है। इसके अलावा दोषियों को फिर से जेल जाने से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति भी नहीं मिली है।
पुलिस ने बताया कि दोषी सिंगवाड तालुका के मूल निवासी हैं। फैसला सुनाए जाने से पहले सोमवार सुबह से ही उस जगह पुलिस तैनाती कार दी गई थी। ताकि कानून व्यवस्था बने रहे रखने और इस निर्णय के बाद किसी भी तरह की कोई सांप्रदायिक हिंसा न भड़के। पूरे रणधीकपुर थाना क्षेत्र में पुलिस तैनात है।
वर्ष 2002 में गोधरा में ट्रेन में आग लगने के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस दंगे में बिलकिस बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी, इन सात लोगों में तीन साल की की बेटी भी थी। 5 माह की गर्भवती बिलकिस के साथ 11 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थीं। और पांच माह की गर्भवती थीं।
गुजरात सरकार ने इस मामले के सभी 11 दोषियों को सजा में छूट देकर 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया था।