लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी एक बार फिर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तर्ज पर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरूआत करने जा रहे हैं । इस यात्रा की शुरूआत मणिपुर से होगी जो मुम्बई में जाकर खत्म होगी। यात्रा का मुख्य मकसद सरकार की गलत नीतियों का विरोध के साथ ही आमजन को सत्ता की मनोगत भावनाओं से परिचित कराना है।
यह न्याय यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर के इम्फाल से शुरू होगी और क्रमशः मुम्बई जाकर खत्म होगी । 67 दिनी इस यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी। इस पूरी यात्रा के दौरान राहुल गांधी कुल 6713 किलोमीटर की कुल दूरी तय कर मुम्बई पहुंचेंगे। जानकारी के राहुल गांधी की यह यात्रा 16-17 फरवरी के बाद यह यात्रा छत्तीसगढ में पहुंचेगी और 15 दिनों में राज्य के सात जिलों से होकर गुजरेगी।
राहुल गांधी की यात्रा मणिपुर के 4 जिलों से होकर गुजरेगी। नागालैण्ड के 5 जिलों से तो असम के 17 जिलों से। अरूणांचल प्रदेश के 1 मेघालय 1, पश्चिम बंगाल 7, बिहार 7, झारखण्ड 13, उड़िसा4, छत्तीसगढ़7, उत्तर प्रदेश 20, मध्यप्रदेश 9, राजस्थान 2, गुजरात 7, और महाराष्ट्र के 6 जिलों से होते हुए राहुल गांधी की यात्रा मुम्बई में खत्म होगी।
पूरी यात्रा के दौरान राहुल गांधी मणिपुर में एक दिन, नागालैण्ड में दो दिन, असम में आठ दिन, अरूणांचल प्रदेश में एक दिन, मेघालय में एक दिन, पश्चिम बंगाल में पांच दिन, बिहार में चार दिन, झारखण्ड में आठ दिन, उड़िसा में चार दिन, छत्तीसगढ़ में पांच दिन, उत्तर प्रदेश में ग्यारह दिन, मध्य प्रदेश में सात दिन, राजस्थान में एक दिन, गुजरात में पांच और महाराष्ट्र में पांच दिन व्यतीत करेंगे।
जिलों की बात करें तो मणिपुर में राहुल गांधी कुल 107 किलोमीटर की यात्रा करेंगे तो नागालैण्ड में 257 किलोमीटर की यात्रा जबकि असम में 833 किलोमीटर तो अरूणांचल प्रदेश में 55 किलोमीटर। मेघालय में 5 किलोमीटर जबकि पश्चिम बंगाल में 523 किलोमीटर, बिहार में 425 किलोमीटर, झारखण्ड में 804 किलोमीटर, उड़िसा में 341 किलोमीटर, छत्तीसगढ़ में 536 किलोमीटर तो उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1074 किलोमीटर लंबी यात्रा करेंगे । इसके अलावा मध्यप्रदेश में 698 किलोमीटर तो वहीं राजस्थान में 128 किलोमीटर। गुजरात में कुल445 किलोमीटर तो अन्त में मुम्बई में 479 किलोमीटर की यात्रा के साथ ही अपनी यात्रा को वीराम देंगे। इस प्रकार से राहुल गांधी कुल मिलाकर 6713 किलोमीटर की यात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे।
छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज ने कहा कि देश की एकता एवं अखंडता संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है। आम जन की लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस आजादी के पहले से ही सत्याग्रह को एक हथियार मानती है। यह भारत जोड़ो न्याय पद यात्रा आजादी के बाद सबसे बड़ा परिवर्तक सत्याग्रह साबित होगा। बैज ने कहा कि जब क्षेत्र धर्म और साम्प्रदायिकता के नाम पर देश की सत्ता में बैठे हुए लोग राजनीति कर रहे हैं तब कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के लोगों के सामने एक नई उम्मीद लेकर आयी है।
राजनीति के जानकारों की मानें तो इस न्याय यात्रा का मकसद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाना है। हाल ही में सम्पन्न चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी एक राज्य तेलंगाना को छोड़कर बाकी राज्यों में उम्मींद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पायी थी। ऐसे में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हो गया था। लोकसभा चुनाव से पूर्व ऐसे पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के अन्दर जोश और उर्जा का संचार भरने की आवश्यकता है। राहुल गांधी को पता है कि बिना पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के अन्दर उर्जा भरे कोई भी चुनाव नहीं जीता जा सकता। साथ ही सत्ताधारी पार्टी की गलत नीतियों से लोगों को वाकिफ करते हुए उनकी गलत नीतियों का विरोध को भी करने के लिए प्रेरित करते हुए नजर आयेंगे।
इससे पहले राहुल गांधी ने 7 सितम्बर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत की थी जो कन्याकुमारी से शुरू हुई और कश्मीर में जाकर खत्म हुई थी । भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ 4000 किलोमीटर की यात्रा की थी। राहुल गांधी की यह यात्रा 145 दिन बाद समाप्त हुई थी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि उनका मकसद उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को कमजोर करना चाहती है।
इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा से राहुल गांधी अपनी छवि को भी वैश्विक लेबल पर चमकाना चाहते हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जिस प्रकार से अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ने राहुल गांधी को कवर किया उससे राहुल गांधी की छवि में काफी इजाफा हुआ। लोगों में उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी है।
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