दिल्ली में धरनारत महिला खिलाड़ियों के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान
इन्दु पाण्डेय
दख़ल संगठन ने किया सवाल – देश का मान बढ़ाने वाली ‘बेटियां’ न्याय के लिए क्यों धरनारत हैं?
वाराणासी। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल निलंबित करो… उस पर पॉक्सो (POCSO) सहित यौन उत्पीड़न की कार्यवाही कर जेल भेजो… खेल मंत्रालय महिला खिलाड़ियों को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल दे… महिला हिंसा बंद करो… खिलाड़ियों को खेलने दो… कुश्ती बचाओ-कुश्ती बढ़ाओ… आदि नारे लगाते हुए दख़ल संगठन ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला खिलाड़ियों के प्रति अपना समर्थन दिखाया। मौका था कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ बनारस के रीवा घाट पर हस्ताक्षर अभियान का, जिसमें लोगों का समर्थन भी मिला। खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न की खबर सुनकर बनारस की लड़कियाँ भी सड़क पर उतरीं।
इस दौरान दख़ल संगठन की शिवांगी ने कहा कि बहुत दुख की बात हैं कि महिला खिलाड़ियों के प्रति सरकार अपनी संवेदना नहीं दिखा रही हैं। वहीं, महिला खिलाड़ी होते हुए पीटी उषा धरनारत खिलाड़ियों के खिलाफ हैं। देश की बेटियां कही जाने वाली ये खिलाड़ी आज उत्पीड़न को लेकर ही धरनारत हैं लेकिन सरकार मौन धारण किए हुए है, जो शर्मनाक हैं।
रैनी ने कहा कि यह काफी निराशाजनक है कि न्याय के लिए देश की बेटियों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है। उत्पीड़न की यह दशा देखकर अब कौन लड़की खिलाड़ी बनाना चाहेगी? अपनी सुरक्षा को लेकर वह किस तरह से आश्वस्त होगी? ये एक बड़ा सवाल है, तब जब देश में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नारे लगाए जा रहे हो। ठीक इसी बीच इन बेटियों को न्याय भी नहीं मिल रहा है जो इसी भारत देश के लिए मेडल जीत चुकी हैं। ये बेटियां देश का मान-सम्मान तो बढ़ाती है लेकिन उत्पीड़न के प्रति न्याय के लिए उन्हें सड़क पर बैठना पड़ रहा है।
ज्ञातव्य है कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर स्टार रेसलर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। ये दूसरी बार है जब पहलवान इस मामले को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके पहले जनवरी 2023 में पहलवानों ने प्रदर्शन किया था।पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर मनमाने तरीके से संघ चलाने और कई महिला पहलवानों के यौन शोषण करने का आरोप लगाया था।इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज से दूर कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई। इस समिति ने पांच अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
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जांच समिति की सदस्य रहीं बबीता फोगाट ने समिति की रिपोर्ट पर असहमति जताई है और एक सदस्य पर बदसलूकी का आरोप भी लगाया हैं। इसके बाद पहलवानों ने रविवार (23 अप्रैल) को फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। गोंडा के रहने वाले बृज भूषण सिंह कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी सांसद हैं। 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने जाने वाले बृज भूषण सिंह, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी लोकसभा पहुंचे। बृज भूषण सिंह 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। 2019 में वे कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे।
हस्ताक्षर अभियान में नीति, रैनी, शिवांगी, अनन्या, आनंद महतो, अनुज, धनंजय, अश्विनी आदि सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।
इन्दु पाण्डेय दख़ल संगठन से सम्बद्ध हैं।