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तेलंगाना : परीक्षा में असफल होने से पिछले 48 घंटों में सात छात्रों ने की आत्महत्या

जैसे ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम घोषित होते हैं, उसके बाद देश के हर हिस्से से छात्रों के आत्महत्या करने जैसे मामले बढ़ जाते हैं। स्कूल और माता-पिता का एक परोक्ष-अपरोक्ष दबाव इसका कारण हो सकता है।

तेलंगाना में परीक्षा में असफल होने के कारण कारण पिछले 48 घंटे के दौरान इंटर के सात विद्यार्थियों ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।

महबूबाबाद के पुलिस अधीक्षक के अनुसार परीक्षा में असफल होने के कारण दो छात्राओं ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। जहां जिले के एक गांव की छात्रा ने अपने घर में फंदा लगा लिया तो अन्य छात्र ने कुएं में छलांग लगा दी।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) आर गिरिधर ने बताया कि सुल्तानबाजार पुलिस थाना क्षेत्र में इसी तरह की घटना में प्रथम वर्ष के एक छात्र ने परीक्षा में असफल होने के बाद कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

शहर के नल्लाकुंता इलाके का निवासी एक और छात्र जडचर्ला में रेलवे लाइन के पास मृत मिला। पुलिस को संदेह है कि संभवत: परीक्षा में खराब प्रदर्शन के कारण उसने यह कदम उठाया होगा।

मंचिर्याल जिले की पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि इंटर के प्रथम वर्ष के तीन छात्रों ने परीक्षा में असफल होने के कारण अलग-अलग स्थानों पर आत्महत्या कर ली है।

यह सभी घटनाएँ परीक्षा तेलंगाना राज्य में असफलताओं के कारण हुई हैं। परीक्षा सत्र के बाद नतीजे आने पर आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ जाती है।

फरवरी-अप्रैल में आयोजित तेलंगाना राज्य इंटर शिक्षा बोर्ड (टीबीआईई) ने 24 अप्रैल को प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित किया था। जिसके बाद अब तक पूरे राज्य परीक्षा में असफल में 19 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली।

आत्महत्या के आंकड़ें

एनसीआरबी की रिपोर्ट के आंकड़ें देखें जाएँ तो वर्ष 2022 में 2000 से अधिक छात्रों ने परीक्षा में असफलता के कारण आत्महत्या करने जैसे कदम उठाए। इनमें 7.6% छत्र थे जो 18 वर्ष से कम उम्र के थे। 1123 छात्रों में से 578 लड़कियां और 575 लड़के शामिल हैं।

लेकिन 2022 में सभी उम्र के लगभग 13000 छात्रों ने आत्महत्या की। जिनमें 10 हजार अवयस्क थे। यह पूरे देश का आंकड़ा है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना जैसे छोटे राज्य में वर्ष 2022 में परीक्षा में असफल होने पर कुल 65 छात्रों ने आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाया था।

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