Wednesday, December 3, 2025
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चीकू के लिए मीठी की कविता

1. पिट्टू से बाहर आया है खरगोश जैसा दिखता है सोने में दुधु पीता है प्यारा बेबी है   नींद में हंसता है गीत कोई गाता है सबका मन बहलाता है प्यारा बेबी है मीठी की आज की कविता   बारिश आसमान में तन गयी है बादलों की एक चादर   काले काले ये बादल […]

1.

पिट्टू से बाहर आया है

खरगोश जैसा दिखता है

सोने में दुधु पीता है

प्यारा बेबी है

 

नींद में हंसता है

गीत कोई गाता है

सबका मन बहलाता है

प्यारा बेबी है

चीकू और मीठी का प्रकृति प्रेम ..जो मीठी की कविता में भी पढ़ने को मिलेगा ..:)

मीठी की आज की कविता

 

बारिश

आसमान में तन गयी है

बादलों की एक चादर

 

काले काले ये बादल

भर लाये हैं पानी की गागर

 

गिरती हैं पट पट बूंदे

भीग रहे सब घर आंगन

 

नहा धोकर पेड़ हो गए हैं हरे भरे

गड्ढे ताल सब हैं पानी से भरे भरे

 

भीगे बंदर भागते हैं इधर उधर

खुश होकर मेढ़क बोलते हैं पटर पटर

 

बारिश में खेल रहे हम भी आंगन में

खूब बरसते हैं बादल देखो सावन में

 

गाँव के लोग
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