Saturday, December 21, 2024
Saturday, December 21, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमसंस्कृतिचीकू के लिए मीठी की कविता

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

चीकू के लिए मीठी की कविता

1. पिट्टू से बाहर आया है खरगोश जैसा दिखता है सोने में दुधु पीता है प्यारा बेबी है   नींद में हंसता है गीत कोई गाता है सबका मन बहलाता है प्यारा बेबी है मीठी की आज की कविता   बारिश आसमान में तन गयी है बादलों की एक चादर   काले काले ये बादल […]

1.

पिट्टू से बाहर आया है

खरगोश जैसा दिखता है

सोने में दुधु पीता है

प्यारा बेबी है

 

नींद में हंसता है

गीत कोई गाता है

सबका मन बहलाता है

प्यारा बेबी है

चीकू और मीठी का प्रकृति प्रेम ..जो मीठी की कविता में भी पढ़ने को मिलेगा ..:)

मीठी की आज की कविता

 

बारिश

आसमान में तन गयी है

बादलों की एक चादर

 

काले काले ये बादल

भर लाये हैं पानी की गागर

 

गिरती हैं पट पट बूंदे

भीग रहे सब घर आंगन

 

नहा धोकर पेड़ हो गए हैं हरे भरे

गड्ढे ताल सब हैं पानी से भरे भरे

 

भीगे बंदर भागते हैं इधर उधर

खुश होकर मेढ़क बोलते हैं पटर पटर

 

बारिश में खेल रहे हम भी आंगन में

खूब बरसते हैं बादल देखो सावन में

 

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।
3 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here