हिन्दुत्ववादी संगठन, किसी न किसी बहाने मुसलमानों को टार्गेट करता ही रहता है, चाहे वह लव जिहाद के नाम पर हो, धर्म के नाम पर हो या गौ रक्षा के नाम पर। जब ऐसी कोई घटना होती है, उसमें मुसलमानों को खोजा जाता है, जैसे देश में सबसे बड़े अपराधी मुसलमान हैं। इस तरह की घटना वर्ष 2014 के बाद बहुत ज्यादा बढ़ गईं हैं। इसमें देश की कार्यपालिका, विधायिका के साथ न्यायपालिका भी शामिल है। जब न्यायपालिका भी इस तरह के अंजाम को बढ़ावा दे रही हो, तब इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होना वाजिब है.