भदोही जिले के सराय होला गाँव में आबादी की ज़मीन के झगड़े में विरोधियों की जानलेवा पिटाई से एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उसके परिजनों को इसकी एफआईआर लिखवाने में नाकों चने चबाना पड़ा। मौत के छह दिन बाद एसपी ऑफिस में गुहार लगाने के बाद ही एफआईआर दर्ज़ हो पायी। योगी आदित्यनाथ की पुलिस की कार्यशैली के ऐसे अद्भुत नमूनों के कारण ही हमलावर न केवल खुले घूम रहे हैं बल्कि अपने विरोधियों को औकात में ला देने का दावा भी ठोंक रहे हैं। भदोही से लौटकर अपर्णा की रिपोर्ट।
भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोग इस बात से चिंतित हैं कि गंगा नदी धीरे-धीरे जमीन का कटान कर रही है। पास का गांव हरिहरपुर डूब चुका है। उन्हें अपने गांव के अस्तित्व की भी चिंता है। शासन-प्रशासन ने वहां ठोकर बना दिया था, जिससे गांव वालों का कहना है कि कटान और भी तेजी से हो रहा है।
भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. नहर का निर्माण 20 साल पहले हुआ था और पानी केवल एक बार आया था। गांव का संपर्क मार्ग एक नहर से होकर गुजरता है जिसमें गड्ढे ही गड्ढे हैं और बरसात के दिनों में इससे गुजरना बहुत मुश्किल होता है।
छोटे शहरों और जिलों में क्या मरीज केवल रिफर होने के लिए अस्पताल खोले जाते हैं? इस सवाल के जवाब में पूर्वाञ्चल के भदोही जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल यही हो गया है। यहाँ आने वाले मरीजों को दूसरे जिलों में रिफर कर दिया जाता हैं। जबकि अस्पताल के अधिकारियों का कहना है यहाँ सभी जरूरी सुविधाएं और आधुनिक जांच मशीनें मौजूद हैं।
छात्रवृत्ति निर्धन बच्चों के आगे की पढ़ाई के लिए बहुत बड़ा आधार होती है। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में सफलता पाकर बहुत से बच्चों ने अपनी मंज़िलें पाई है। विगत वर्षों की तरह इस बार भी भदोही जिले के 183 बच्चों ने सफलता पाई है। हालांकि अनुसूचित जनजाति के कोटे की चार सीटें खाली ही रह गईं।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले घटने के बजाय साल दर साल बढ़े हैं।
भदोही के प्राइमरी स्कूल बड़वापुर में शिक्षक रामलाल यादव विद्यार्थियों के सपनों को साकार करने में लगे है, वह आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षाओं के लिए तैयार करते हैं
आयकर की अधिनियम की धारा 43 बी खंड (एच) में कालीन उद्योग को शामिल करने से एक तरफ जहां कालीन के दामों में वृद्धि होगी तो वहीं दूसरी ओर उसकी खरीदारी पर भी असर पडे़गा। कुल मिलाकर इस नियम के लागू होने से इस उद्योग से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पडे़गा।
कांशीराम आवास का जब आबंटन हुआ तो उसमें नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को आवास आबंटित किए जाने के कारण यहाँ ग्रामीण और नगरीय दोनों क्षेत्रों के लोग रहते हैं। ग्राम पंचायत प्रशासन का कहना है कि सबसे अधिक लोग नगरीय क्षेत्रों के यहां बसे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नगर निकायों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के लोग यहां अधिक बसे हुए हैं। जिसके कारण कोई भी यहां के सफाई का जिम्मा उठाने को तैयार नहीं होता। सभी एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी का भार सौंप पल्ला झाड़ते हुए नज़र आते हैं।