भदोही। कोतवाली क्षेत्र के मुसीलाटपुर गांव में सार्वजनिक तालाब की भूमि पर अंबेडकर प्रतिमा रखने को लेकर उपजे विवाद के तीसरे दिन मंगलवार को गांव में माहौल तो शांतिपूर्ण है लेकिन लोगों को गिरफ्तारी का भय सता रहा है। लंबे समय से शांत चल रहे भदोही जनपद में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का आड़ लेते हुए अराजक तत्वों ने खुशनुमा माहौल में खलल डालने का काम किया है। इस दौरान अराजक-तत्वों ने पुलिस प्रशासन की टीम पर जमकर पथराव कर दिया, जिससे गांव में भगदड़ की स्थिति बन गई। अंबेडकर प्रतिमा हटाने के दौरान हुए पथराव में 12 लोगों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। कई अज्ञातों पर भी केस दर्ज कर लिया है। तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होने के साथ-साथ गांव में सन्नाटा छा गया है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। महिलाएं सहमी हुई हैं। सुरक्षा की खातिर पुलिस गांव में चक्रमण (मार्च) करते हुए दिखाई दे रही है। वहीं ग्रामीणों में गिरफ्तारी का भय बना हुआ है। 60 वर्षीय तेतरा देवी कहती हैं कि ‘अचानक इ सब कइसे भयल, हम लोगन के त कुछ पता ही नाही है।अचानक ढेर सारी पुलिस को देखकर जब तक वह लोग कुछ समझ पाते तब तक ईंट-पत्थर चलने के साथ ही साथ पुलिस बूटों की थाप भी पूरे गांव में सुनाई देने लगी थी।’
क्या है पूरा मामला
भदोही जनपद जहाँ अपने कालीन उद्योग के लिए पूरे देश में सुविख्यात है तो वहीं विदेशों में भी इसका खूब नाम है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लगा हुआ यह जनपद कालीन के साथ-साथ अपने पिछड़ेपन और बदहाली को लेकर भी चर्चाओं में बना रहता है। यादव, मुस्लिम, ब्राम्हण, दलित, पिछड़ा मिश्रित समाज की आबादी वाला यह जनपद शांति, सौहार्द्र के लिए भी जाना जाता है। यह अलग बात है कि समय-समय पर कुछ लोगों की गलत मानसिकता की वजह से कभी-कभी यहाँ के शांति, सौहार्द्र में सेंध भी लग जाती है। शनिवार (24 जून) को सब कुछ सामान्य था कि तभी रात होने के बाद गांव की शांत आबोहवा में ज़हर घुल गया और लोग जब-तक कुछ समझ पाते कि स्थिति बिगड़ गई।
दरअसल, पूरा मामला यह है कि भदोही कोतवाली क्षेत्र के मूसीलाटपुर गांव में कुछ लोगों द्वारा बिना अनुमति अंबेडकर प्रतिमा रखे जाने के बाद उस समय विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई जब प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। प्रतिमा हटवाने को लेकर गर्मागर्मी हो गई, जहां कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ पीएसी बल बुला लिए गए। फोर्स के पहुंचते ही गांव में भगदड़ उत्पन्न होने के साथ-साथ लोग घरों में दुबकने को विवश हो गए। पुलिस ने इस अराजकता में चिन्हित लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक 21 नामजद और कई अज्ञातों पर केस दर्ज किया है। इस मामले में तीन महिला समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
डरे हुए हैं ग्रामीण
गांव में पुलिस का खौफ बना हुआ है, तो दूसरी ओर, ग्रामीण भी अचानक हुए इस घटनाक्रम से सकते में हैं। एक ग्रामीण नाम और चेहरा न दिखाने के आग्रह पर गांव के लोग डॉट कॉम टीम को बताते हैं कि पथराव कब, क्यों और किसने किया? यह हम लोगों को ख़ुद नहीं समझ में आ पाया। भदोही कोतवाली से पांच किमी तथा ज्ञानपुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किमी दूर, भदोही कोतवाली क्षेत्र के मूसीलाटपुर गांव है। गांव में दलित, पिछड़े व सामान्य वर्ग के लोग निवास करते हैं। शनिवार की रात गांव के कुछ लोगों ने खाली पड़ी जमीन पर चबूतरा बनाकर अंबेडकर प्रतिमा स्थापित कर दी। बताया जा रहा है कि उक्त जमीन को लेकर एक मामला न्यायलय में विचाराधीन है। गांव के तालाब के समीप अंबेडकर प्रतिमा रखने की जानकारी ग्रामीणों से होते हुए जब पुलिस प्रशासन तक पहुंची तो मौके पर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम पहुंच गई। बताया जा रहा है कि लोगों को समझाने के बाद मौके से प्रतिमा को हटा दिया गया। सब कुछ सामान्य था कि इसी दौरान कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया, जिसमें दो पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया।मौके पर भगदड़ मच गई। जो जिधर था वह उधर ही भाग खड़ा हुआ।
क्या कहती है पुलिस
भदोही के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती की मानें तो उक्त जमीन सार्वजनिक तालाब की भूमि की है। इसके सीमांकन को लेकर एक मामला भी एसडीएम कोर्ट में है। प्रतिमा हटाने के बाद कुछ अराजक तत्वों ने प्रशासन की टीम पर पथराव किया था। मामले में पुलिस ने 21 नामजद और 30 अज्ञातों पर मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें तीन महिलाओं सहित कुल 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अज्ञात लोगों की पहचान कराई जा रही है। मौके पर जो वीडियोग्राफी कराई गई थी, उसके आधार पर पथराव करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रतिमा रखने के लिए किसी ने ना तो कोई इजाजत ली थी और ना ही प्रशासन और ग्राम पंचायत को इसकी खबर थी। प्रतिमा रखे जाने की सूचना पाकर मौके पर जब पुलिस और राजस्व विभाग की टीम पहुंची थी तो मामला सब कुछ सामान्य हो गया था। दलित समाज के कुछ प्रमुख लोगों के बीच वार्तालाप कर समझा-बुझाकर लोगों को हटा भी दिया गया था। सब कुछ सामान्य था। लोग राजी-खुशी वापस भी लौट गए थे, लेकिन तभी कुछ महिलाएं और अराजक तत्वों ने पुलिस प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया। इस मामले में 12 लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
संयोग या साजिश
मामले के बाद गांव में पुलिस का खौफ बना हुआ है। लोग गिरफ्तारी को लेकर डरे हुए हैं। गांव के कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है, तो कुछ अन्यत्र पनाह लेने को विवश हैं। गाँव की मंशा देवी कहती हैं कि “कई घरों में दो दिन से चूल्हे नहीं जले हैं। लोग डरे-सहमें हैं। और तो और लोगों को तो यह भी नहीं पता कि कब, किसने अंबेडकर प्रतिमा मंगाई और इसे कहां स्थापित किया जाना था। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चायें हैं। यह भी सुगबुगाहट है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कहीं अंबेडकर प्रतिमा के बहाने राजनैतिक माहौल बनाने की तैयारी तो नहीं चल रही है!
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