वर्ष 2014 के बाद, जब से लोगों के दिमाग में राष्ट्रवादी विचारधारा ज्यादा मजबूती से हावी हुई है, तब से समाज के सांस्कृतिक परिदृश्य में इसका प्रभाव भी बढ़ा है। जिसमें एक माध्यम सिनेमा भी है, जिसके माध्यम से जनता सबसे ज्यादा अपने ज्ञान को समृद्ध करने पर विश्वास करती है। अभी हाल में ही रणदीप हुड्डा की फिल्म स्वातंत्र्यवीर सावरकर रिलीज हुई है, जिसमें सावरकर को झूठे तथ्यों के साथ महान बताया गया है।
आज जब हम पंजाब के किसान आंदोलन की ओर देखते हैं तो पाते हैं कि उसमें एक ओर भगत सिंह के विचारों की अनुगूंज सुनाई पड़ती है तो दूसरी ओर समय-समय पर वे गांधी के जनांदोलन की रणनीति पर भी विचार करते हुए दिखाई देते हैं।
दरभंगा। जनसंस्कृति मंच दरभंगा, आइसा, इनौस के संयुक्त तत्वावधान में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती जसम जिलाध्यक्ष डॉ. रामबाबू आर्य की अध्यक्षता में प्राक परीक्षा...
सामाजिक कार्यकर्त्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने किया 99 वां रक्तदान
सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में भंदहा कला स्थित संस्थान के प्रशिक्षण केंद्र पर बुधवार...