Thursday, March 28, 2024
होमसंस्कृतिआज़ादी और शहीद-ए-आजम भगत सिंह

ताज़ा ख़बरें

संबंधित खबरें

आज़ादी और शहीद-ए-आजम भगत सिंह

इप्टा जमशेदपुर और अन्य जन संगठन के साथियों द्वारा बीते मंगलवार की शाम को भगत सिंह को उनकी जयंती के मौके पर  शिद्दत से याद किया गया। जिसकी बानगी रही कि हम सभी बस किस्से-दर किस्से एक-दूसरे से कहते रहे और थोड़ा-थोड़ा भगत सिंह के और करीब जाते रहे। शुरुआत में नन्हे साथी वर्षा, सुजल […]

इप्टा जमशेदपुर और अन्य जन संगठन के साथियों द्वारा बीते मंगलवार की शाम को भगत सिंह को उनकी जयंती के मौके पर  शिद्दत से याद किया गया।

जिसकी बानगी रही कि हम सभी बस किस्से-दर किस्से एक-दूसरे से कहते रहे और थोड़ा-थोड़ा भगत सिंह के और करीब जाते रहे। शुरुआत में नन्हे साथी वर्षा, सुजल के साथ सत्यम, रमन और अर्पिता ने साथी शीतल साठे और सचिन माली का ऐ भगत सिंह तू ज़िंदा है गीत गाया। साथी सत्यम ने सहज लहज़े में भगत सिंह के जीवन के चंद किस्से सुनाए। सब बच्चों से पूछा कि भगत सिंह कौन थे? तो जवाब मिला कि वे क्रांतिकारी थे और बस यहीं से अपनी बात शुरु करते क्रांतिकारी कहलाने के क्या मायने है।

[bs-quote quote=”उन्होंने मनुष्य होने के अर्थों को गहराई दी और अपने आप को जीवन के हर पक्ष की कसौटी में कसा और अपनी शहादत को अमर कर गए। एक मनुष्य को जीने के लिए भोजन चाहिए जिसे कोई भी जो शिक्षित हो या अशिक्षित, श्रम करके हासिल करता है, इसके बाद स्वास्थ्य प्राथमिक है क्योंकि यह हर तरह के मनुष्य की ज़रूरत है और अंत में आती है शिक्षा जो मनुष्य को आगे बढ़ाने का काम करती है” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

आज़ादी के मायने क्या हैं? और भगत सिंह कैसी आज़ादी की चाह रखते थे इन बिंदुओं पर भगत सिंह को याद किया। हमारी जीने की जरूरत यानि भोजन पैदा करने वाला किसान, हमारे जीवन की हर ज़रूरी चीज़ों का उत्पादन करने में मजदूर का श्रम शामिल होता है पर मजदूर और किसान की जगह राज करता है दौलत वाला जिसकी अदावत करते थे भगत सिंह।

कॉमरेड शशि जी और जमशेदपुर इप्टा के नन्हें साथी भगत सिंह के बारे मे सुनते हुए

भगत सिंह द्वारा अपने भाई को लिखे अंतिम ख़त का ज़िक्र करते हुए सत्यम ने बच्चों को बताया कि कैसे एक ख़त में उन्होंने जाने-माने कवि और शायरों की रचनाओं को साझा किया, उसमें से कुछ शेर पढ़े और उन्हें समझाया भी।

उसे फिक्र है हरदम नया तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है

हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतहा क्या है।

– दहर से क्यों खफ़ा रहें, चर्ख का क्यों गिला करें

सारा जहां अदू सही आओ मुकाबला करें।

इस आयोजन में बच्चे थे सो उनकी समझ को ध्यान में रखते हुए सभी ने  अपनी बात रखी। साथी शशि कुमार ने बच्चों को बताया कि भगत सिंह को शहीद-ए-आजम क्यों कहा जाता है। एक सुंदर, बेहतर दुनिया बनाने में और आज़ादी के असल मायनों को लाने में भगत सिंह मात्र 23 वर्ष की उम्र में फांसी के फंदे पर झूल गए। उन्होंने मनुष्य होने के अर्थों को गहराई दी और अपने आप को जीवन के हर पक्ष की कसौटी में कसा और अपनी शहादत को अमर कर गए। एक मनुष्य को जीने के लिए भोजन चाहिए जिसे कोई भी जो शिक्षित हो या अशिक्षित, श्रम करके हासिल करता है, इसके बाद स्वास्थ्य प्राथमिक है क्योंकि यह हर तरह के मनुष्य की ज़रूरत है और अंत में आती है शिक्षा जो मनुष्य को आगे बढ़ाने का काम करती है। इन तीन ज़रूरी कामों का अधिकार मनुष्य का बुनियादी अधिकार है जो हर एक शख़्स को हासिल होना चाहिए और सच्ची आज़ादी तभी कहलाएगी जब मनुष्य होने का बुनियादी हक़ उसे हासिल हो। अपनी बात से भगत सिंह के विचारों को समझाते उन्होंने कहा कि दुनिया जुदा किस्म के लोगों का एक ऐसा समुच्चय है जहाँ हर शख़्स अपने आप में ज़रूरी है। जैसे हाथ की पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होती पर खाने को मुंह तक पंहुचाने में इनका योगदान होता है बिलकुल इसी तरह समाज भी भांति-भांति जन से बना है और उन्हें बराबरी का दर्ज़ा मिलने की चाह भगत सिंह हैं, हर बच्चे को शिक्षा मिले इस विचार की पुकार भगत सिंह हैं।

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की  ग़ज़ल बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो और इंतिसाब सुनाते हुए रमन

अर्पिता ने जलियांवाला बाग से एक शीशी रक्त सनी मिट्टी लाने का, खेतों में बंदूक बोने का किस्सा, लाहौर में सुखदेव के साथ मस्ती के और खाने और पढ़ने के शौकीन भगत सिंह को याद किया। युवा सुरीले साथी रमन ने  फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की  बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो और इंतिसाब सुनाई।

आज बच्चों में वर्षा, सुजल, वैष्णवी, अनमोल, पीहू शामिल थे कुछ युवा ऊर्जावान साथी सत्यम, रमन, विक्रम, प्रिंस, कबीर, आदित्य, अंजना और शशि शामिल थे।

 

  

अर्पिता इप्टा जमशेदपुर से जुड़ी हुईं हैं और लगातार बच्चों के साथ काम कर रहीं हैं।

गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय खबरें