Monday, August 18, 2025
Monday, August 18, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsBrahman

TAG

brahman

ब्राह्मणवाद के खात्मे के लिए सिर्फ बाहर ही नहीं भीतर भी संघर्ष करना होगा

आज भी भारतीय समाज कहीं न कहीं ब्राह्मणवाद के प्रभाव में डूबे हुए हैं। ब्राह्मणों की बात तो छोड़िए, भारतीय समाज का ओबीसी समाज ब्राह्मणों से भी ज्यादा ब्राह्मणवाद के झंडाबरदार बने हुए हैं। माना कि ओबीसी के एक तबके में आज़ थोड़ा-बहुत परिवर्तन हुआ है किंतु कभी-कभी लगता वह परिवर्तन अभी कुछ पढ़े-लिखे  लोगो में ही देखने को मिलता है या फिर केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए। खेद की बात है कि आज भी भारतीय समाज के दलित और ओबीसी वर्गों के एक बड़े तबके को गाय-पूजा, संस्कृत और अन्य चीजें आज भी अव्यावहारिक नहीं लगतीं।

‘केवल ब्राह्मणों के लिए’ श्मशान घाट का संचालन कर रहा ओडिशा का निकाय

केंद्रपाड़ा, ओडिशा (भाषा)। ओडिशा में एक स्थानीय निकाय ऐसा भी है जो ‍‘सिर्फ ब्राह्मणों के श्मशान घाट’ का संचालन कर रहा है। निकाय के...

ब्राह्मणवादी चालों और षड्यंत्रों को डुबाने के लिए अधिक गहरा नहीं है ठाकुर का कुआं

दुर्भाग्य से राजद के एक नेता की अभद्र भाषा में व्यक्त की गई प्रतिक्रिया ने मीडिया को जानबूझकर असल मुद्दे से ध्यान भटकाने में मदद की। इस विषय में मीडिया और ‘बुद्धिजीवियों’ की प्रतिक्रिया हास्यास्पद और पाखंडपूर्ण रही है। आनंद मोहन सिंह की 'जीभ काट डालता’  कहना कुछ और नहीं, बल्कि बिहार में राजपूतों को लामबंद करने का एक प्रयास था। धर्मनिरपेक्ष ब्राह्मणों ने मनोज झा की ओर से एक ऐसे मुद्दे का बचाव करने की कोशिश की है, जिसे उनके द्वारा संसद में जानबूझकर और पूरी तरह से संदर्भ से अलग जाकर उठाया गया था।

वर्णाश्रम की बहाली के सिवा कुछ नहीं है सनातन धर्म की बहाली का दावा

तमिलनाडु में साहित्यकारों और कलाकारों की  एक वैचारिक सभा में डीएमके के युवा नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के उन्मूलन वाले बयान के...

जन्म से लेकर मृत्यु के बाद तक किसानों का खून चूसता था ब्राह्मण

आज से डेढ़ सौ वर्ष पहले किसानों के ब्राह्मणवादी शोषण के खिलाफ मराठी में एक किताब आई थी जिसका नाम शेतकऱ्यांचा आसूड  (हिंदी...

क्या अकबर पूर्वजन्म में ब्राह्मण था?

बाबा साहब डॉ अंबेडकर ने पुराणों को कपोल-कल्पित कहा है। कुछ लोग उन्हें इतिहास मानकर अपनी श्रेष्ठता का बखान करते हैं। उनके बखान लोगों...

संविधान दिवस के आलोक आरक्षण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर एक नज़र

भारत वर्ष में जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कोई नई बात नहीं है। प्राचीन काल में अल्पसंख्या वाली जाति समुदायों को बहुसंख्य...

भगवा आईटी सेल सिर्फ अहीरों पर ही क्यों पोस्ट लिखता है?

एक यादव आईएएस अधिकारी, जो इतिहासकार भी हैं, द्वारा लिखा गया इस प्रकार का 'कटु सत्य' सोशल मीडिया पर वायरल हुआ - मैं ब्राम्हणों का...

बद्री नारायण की बदमाशी (पहला भाग) (डायरी, 8 जुलाई, 2022) 

इतिहास लेखन एक कला है। इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। इतिहास लिखने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। तथ्य जमा करने...

वीर्य की पवित्रता का मसला  (डायरी 29 अप्रैल, 2022) 

अहंकार बेशक नकारात्मक शब्द है। यह एक बुराई है। लेकिन कोई ऐसा नहीं है जो इस बुराई से बचा हो। कम से कम मैंने...

प्रो. वीर भारत तलवार को पढ़ते हुए, (डायरी 25 अप्रैल, 2022)

प्रो. वीर भारत तलवार को पढ़ना मतलब एक साथ कई कालखंडों के लांग ड्राइव पर निकल जाना होता है। सामान्य तौर पर ज़िन्दगी  इतना...

सभ्य होने की पहली शर्त डायरी (20 अगस्त, 2021)

बात बहुत पुरानी है। शायद उस वक्त की जब मैं पहली बार दिल्ली आया था। वर्ष था 2002। इरादा दिल्ली में कमाना और पढ़ना...

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment