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Election Commission
बिहार : विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर चुनिंदा समुदायों के नाम मिटाये जा रहे हैं
बिहार चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को जो आदेश पारित किया, उसमें कहा गया कि 25 जुलाई तक पूरे राज्य में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (SIR) किया जाएगा, जिसमें डुप्लीकेट, मृत या गैर-नागरिकों के नाम हटाए जाएंगे। इस प्रक्रिया को मात्र 31 दिनों में संपन्न करना है, जो कि सामान्य सूची पुनरीक्षण की तुलना में असाधारण रूप से त्वरित है। यह निर्णय अपने आप में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को संदिग्ध बनाता है
ईवीएम : भारत का चुनाव आयोग संदेह पैदा कर अपनी विश्वसनीयता खो रहा है
वर्तमान केंद्र सरकार ने शनिवार, 21 दिसंबर को, जबकि हरियाणा विधानसभा चुनाव की याचिका की सुनवाई हरियाणा और पंजाब उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में चल रही है। उसे देखते हुए चुनाव आचार संहिता के नियमों को आनन-फानन में बदलने की कार्रवाई को देखने के बाद, जिससे आम लोग चुनाव के ई-दस्तावेजों को सीधे नहीं देख पाएंगे, इलेक्ट्रॉनिक चुनाव प्रक्रिया के बारे में मेरा संदेह और भी बढ़ गया है
उच्चतम न्यायालय ने मतदान आंकड़े 48 घंटे के भीतर जारी करने की याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा
उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
Lok Sabha Election : उन्नाव के मतदाताओं ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखा पत्र, बैलेट पेपर से मतदान कराए जाने की मांग की
कल 24 अप्रैल को उन्नाव के 11 मतदाताओं ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर उनका मतदान बैलेट पेपर के माध्यम से कराने की मांग की है। ये सभी 11 मतदाता उन्नाव के सफीपुर व बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्रों से हैं।
Lok Sabha Election : भाजपा नेता महेश शर्मा ने जनता का किया अपमान, चुनाव आयोग पर कांग्रेस ने उठाया सवाल
देश के कई हिस्सों में राजपूतों की BJP से नाराज़गी की बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र जहां से महेश शर्मा प्रत्याशी हैं वहाँ ठाकुरों ने उनके बहिष्कार की बात की।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन आयोग के दफ्तर के आगे किया प्रदर्शन, दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में
भाषा -
तृणमूल कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं।
लोकसभा चुनाव: 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे चुनाव, देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है। चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल से एक जून के बीच आयोजित किया जाएगा और मतगणना 4 जून को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
इलेक्टोराल बॉण्ड का सीरियल नम्बर का खुलासा न करने के मामले में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट की नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इलेक्टोराल बॉण्ड से जुड़े यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर नहीं बताने पर कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है।
चुनावी बॉण्ड का आंकड़ा जारी, खरीदारों में अरबपति और भुनाने वालों में भाजपा सबसे आगे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इस बॉन्ड को खरीदने और भुनाने वालों की सूची जारी की। इस सूची में बॉन्ड भुनाने वालों में भाजपा का नाम सबसे ऊपर है।
राजनीति का काला कारोबार : इलेक्टोरल बॉन्ड, शेल कंपनियां, छापा और चुनावी चंदा
यह तथ्य है कि भाजपा के राज में विदेशों में काला धन बढ़ रहा है। सत्ता में बैठी पार्टी खुद शेल कंपनियों से चंदा ले रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, धांधली से चुनाव जीतती है भाजपा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवारा को चुनाव आयोग के साथ ही बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया। अखिलेश यादव ने...
तेलंगाना चुनाव में तैनात किए जाएंगे ढाई लाख कर्मचारी
हैदराबाद (भाषा)। तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर 30 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए 2.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात...
संविधान बदलने की दिशा में पहला कदम है एक देश एक चुनाव
भाजपा जब से सत्ता में आई है एक देश एक चुनाव के मुद्दे को बार-बार उछालने का काम कर रही है।अब जब कि लोकसभा...
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के हक में सुप्रीम प्रहार
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को चुनाव आयोग के मामले में ऐसा आपात कदम उठाने की जरूरत क्यों महसूस हुई होगी? बेशक, सुप्रीम कोर्ट का उक्त निर्णय चुनाव आयोग में नियुक्ति की प्रक्रिया आदि के सम्बंध में जिन याचिकाओं पर आया है, वे काफी समय से लंबित पड़ी हुई थीं।फिर भी, 2014 के बाद से, चुनाव आयोग की निष्पक्षता तथा शासन से स्वतंत्रता पर जिस तरह से न सिर्फ बढ़ते हुए सवाल उठते रहे हैं, इसके साथ ही जिस प्रकार, चुनाव आयोग के शासन को अप्रिय राय रखने वाले सदस्यों को, शासन व केंद्रीय एजेंसियों के कोप का सामना करना पड़ा है; उस सबसे पुख्ता होती जा रही इस धारणा से सुप्रीम कोर्ट भी अनजान नहीं रहा होगा कि चुनाव आयोग सरकार का यस मैन बनता जा रहा है।