Sunday, March 23, 2025
Sunday, March 23, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsGround Report

TAG

Ground Report

कैनवास पर जीवन के रंग बिखेरती दलित किशोरियां

बात जब बिहार में चित्रकला की आती है, तो मिथिला चित्रकला शैली के भित्ति चित्र व अरिपन का नाम जरूर आता है। मिथिला या...

गरीबी तो मिटाने दो यारो!

ये लो कर लो बात। अब क्या मोदीजी गरीबी भी नहीं मिटाएं। सीबीएसई की किताबों में से गरीबी का चैप्टर जरा-सा हटा क्या दिया‚...

मेहनत करते-करते हाथ की रेखाएं घिस गईं लेकिन हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ

चौतरफा दमन और दबाव झेलने को विवश है थाना रामपुर का मुसहर समाज  वाराणसी। वह गर्मी से चिलचिलाती दोपहर के बाद की एक आँच फेंकती...

नशे के कारण लक्ष्य से भटक रहे युवा

माना जाता है कि जिस समाज का युवा जागृत हो उसका आधार प्रगति तथा बुलंदी की ओर होता है। युवा पीढ़ी हमारे समाज का...

बिहार की गर्म जलवायु में भी सेब की सफल खेती

बिहार के अधिकतर किसान परंपरागत खेती करते हैं। धान, गेहूं, मक्के और सब्जी की खेती के अलावा कुछ हिस्सों में मखाना, मसाले की भी खेती होती है। हालांकि महंगे बिजली, पानी, खाद-खल्ली एवं खेतिहर मजदूरों की कमी के कारण परंपरागत खेती करना उतना फायदेमंद नहीं रहा कि किसान अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकें।

‘खुशियों की सवारी’ के इंतजार में गर्भवती महिलाएं

कपकोट (उत्तराखंड)। 'खुशियों की सवारी' योजना की शुरुआत उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2011 में की थी। यह एक एम्बुलेंस सर्विस है जिसकी मदद से...

वाराणसी : बुनाई उद्योग को प्रभावित कर रहा है पूर्वांचल का साम्प्रदायिक विभाजन

वाराणसी। महामारी कोविड-19 के समय आर्थिक और सामाजिक अलगाव की विशेष परिस्थिति में भारत के मजदूर वर्ग में बढ़ते अनियमितीकरण से तीन तरफा मार...

इन बस्तियों में आकर बिखर जाता है स्वच्छ भारत मिशन

मुजफ्फरपुर (बिहार)। वर्तमान में केंद्र सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान चला रही है। इसके लिए...

G-20 शिखर सम्मेलन क्रूर बुलडोजर-राज का बहाना नहीं हो सकता

नई दिल्ली। जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने तुग़लकाबाद और नई दिल्ली की कुछ अन्य बस्तियों के उन हज़ारों पीड़ित निवासियों के साथ...

दीनदयाल उपाध्याय की भव्य प्रतिमा वाले शहर में पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की उपेक्षा

पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नाम पर बने पार्क में दुर्व्यवस्था। लोकार्पण के एक-दो साल बाद ही गायब हो गया पुस्तकालय, गंदगी से भरे उसी...

पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित होने के बावजूद नष्ट हो रही हैं दुर्लभ मूर्तियाँ

गोंडा। ‘ओह! इतनी दुर्लभ मूर्तियाँ ऐसे सड़ रही हैं।’ पृथ्वीनाथ मंदिर की दीवारों में लगी मूर्तियों की दर्दनाक हालत देखकर अपर्णा के मुंह से...

गांव को शहर बनाती सड़क

जबसे पक्की सड़क बनी है, तब से कई समस्याएं सुलझ गई हैं। अब गांव की किशोरियां भी आराम से स्कूल और कॉलेज आना-जाना कर लेती हैं। यदि किसी कारणवश कॉलेज से आने में लेट भी हो जाती है तो सड़क से गुजरने में जहां हमें कोई डर नहीं रहता है, वहीं अभिभावक भी हमारी सुरक्षा को लेकर कम चिंतित होते हैं। अब कोई भी, किसी भी समय इस सड़क से गुज़र सकता है।

पानी के लिए पढ़ाई छोड़ती लड़कियां

बागेश्वर, उत्तराखंड। आजादी के 76 साल बाद भी लगभग 50% भारतीय लोग पीने के पानी तक पहुंच नहीं पाते हैं। हालांकि केंद्र और राज्य स्तर...

लोहे को जीवन का आकार देती गड़िया लोहार महिलाएं

कड़ी मेहनत के बावजूद, इन महिलाओं के पास दैनिक आय नहीं है। हालांकि ये लोहार अब एक जगह बस गए हैं, लेकिन इनका जीवन और कठिन हो गया है। बड़े पैमाने पर मशीनीकरण ने उन्हें पहले की तुलना में लाभ से वंचित कर दिया है। पहले सब कुछ हाथ से किया जाता था। अब मशीन से बने आधुनिक उत्पाद मौजूद हैं जो बहुत सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं।

पितृसत्तात्मक दबाव के बीच बिहार बोर्ड में लड़कियों की कामयाबी

समाज की सोच बदलतीं लड़कियां मुजफ्फरपुर (बिहार)। लड़कों पर नाज करने वाला समाज अब लड़कियों की कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहा है। जिन्होंने अपनी...

यहाँ पैर फिसला तो गली में नहीं, सीवर में चले जाएँगे

सांस्कृतिक संकुल स्थित टंकी की पानी को लेकर भी लोगों में काफी रोष है। बदबूदार पानी सप्लाई के कारण लोग आरओ मशीन से खरीदकर पानी पीते हैं। इस पानी के लिए प्रत्येक परिवार को आठ से नौ सौ रुपये वहन करने पड़ते हैं। गलियों के ऊपर सरकारी पानी की पाइप लाइन दौड़ाई गई है, जिसमें कई जगह छेद भी हो चुके हैं।

मछुआरों की उपेक्षा भी है नदी प्रदूषण का एक बड़ा और गम्भीर कारण

नदी एवं पर्यावरण संचेतना यात्रा अब गाँव से शहर की तरफ बढ़ने लगी है। 31 जुलाई दिन रविवार को शास्त्री घाट से निषाद राज...

ताज़ा ख़बरें