चंड़ीगढ़। सोमवार रात किसानों और सरकार के बीच हुई बातचीत विफल रही। केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के साथ किसानों की दूसरे दौर की बैठक हुई जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। संयुक्त किसान मोर्चा-गैर राजनीतिक (एसकेएम-एनपी) से जुड़े किसान, किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।
अगर किसान बैरिकेडिंग पार कर दिल्ली पहुंच गए तो दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों की सुनामी आ सकती है और अगर मोदी सरकार उन्हें रोकने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करती है तो हालात बिगड़ सकते हैं।
किसानों ने केंद्र सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। जिनमें दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में बदलाव करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने, किसानों के द्वारा दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की। साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे उन्हें रद्द करने, पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी उनके परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें जेल भेजने, सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करने, 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग शामिल है।
किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए हरियाणा में पंजाब को दिल्ली से जोड़ने वाले राजमार्ग पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राजस्थान के बीकानेर संभाग के तीन जिलों में भी इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़ जिले में मंगलवार को पूरे दिन इंटरनेट बंद रहेगा।
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने सोमवार को अंबाला के पास शंभू सीमा पर आंसू गैस के गोले छोड़ने वाले ड्रोन सिस्टम का परीक्षण किया।
बड़ी संख्या में किसानों की मौजूदगी की आशंका को देखते हुए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस बलों ने दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। दिल्ली में लोगों को ले जाने वाली सभाओं, जुलूसों या रैलियों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
उधर, किसानों के मार्च को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को पत्र लिखकर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों पर उपद्रव पैदा करने और नागरिकों के दैनिक जीवन को परेशान करने का आरोप लगाते हुए स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने को कहा है।