हरियाणा। 13 फरवरी से दिल्ली में होने वाली किसानों की रैली को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। सभी जिले पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं। प्रदेश के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले में इंटरनेट संवा बंद कर दी गई है।
राज्य सरकार का कहना है कि इन जिलों में शांति भंग होने और सरकारी और सार्वजनिक चीजों को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका है। ये सब अफवाहों के फैलाये जाने के कारण होता है। ये अफवाहें मोबाइल फोन, इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल के जरिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्वीटर आदि से फैलाई जाती हैं। इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संचालित करने वाली इंटरनेट को ही तीन दिनों के लिए बंद किया जा रहा है।
अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले में इंटरनेट सेवा 11 फरवरी सुबह 6 बजे से बंद कर दी गई है। इंटरनेट सेवा 13 फरवरी रात 12 बजे के बाद शुरु की जाएगी। राज्य सरकार ने शांति बनाए रखने के उद्देश्य से ये कदम उठाया है।
वहीं अमृतसर जिले के किसान जत्थे ने व्यास नदी के पुल से सुबह 8 बजे ही दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है। ये किसान आज रात फतेहगढ़ साहेब में रुकेंगे फिर कल सुबह दिल्ली की सीमा पर पहुंचेंगे।
वहीं किसानों को रोकने के लिए आज घघर नदी में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है। अन्य दिनों में समान्य तौर पानी का स्तर बहुत कम होता है। लेकिन आज संभवत: किसानों के रास्ते में बाधायें पैदा करने के लिए ऐसा किया गया है ताकी किसान पैदल घघर नदी को पार न कर पायें।
वहीं किसान आंदोलन के कारण चंडीगढ़ और हिमांचल से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान की ओर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कियोंकि चंडीगढ़ अम्बाला हाईवे पर डेरा बस्सी में ही यातायात को रोक कर दूसरे रूट से जाने के लिए कहा जा रहा है।
वहीं किसानों का काफिला फगवाड़ा पहुंच गया है जहां सभी किसान लंगर खायेंगे उसके बाद आगे बढ़ेंगे। हजारों की ट्रैक्टर ट्रॉली में किसान आज फतेहगढ़ साहब पहुंच रहे हैं।
दिल्ली किसान कूच को भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) ने भी अपना समर्थन दिया है। भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अग्रणी मनजीत राय ने कहा कि पहले हम 16 तारीख की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब हम भी पूरी तरह से किसान दिल्ली कूच का समर्थन करते हैं।