सोनीपत (हरियाणा)। चुनाव करीब हैं और भाजपा के लिए चुनावी ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा हथियार दंगा है। जिस तरह से बजरंग दल और आरएसएस के लोग खुलेआम मुस्लिम बस्ती में फरसे और अन्य हथियार लेकर घूम रहे हैं और जय श्रीराम का नारा लगाते हुए मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार कर दुष्कर्म जैसे कृत्य की धमकी दे रहे हैं उससे मुस्लिम समाज के लोग डरे हुए हैं। प्रशासन जिस तरह से पूरे घटनाक्रम को लेकर शुतुरमुर्ग बना हुआ है, उससे लगता है कि जैसे राजनीतिक संरक्षण में पूर्वनियोजित तरीके से दंगे की तैयारी चल रही है। यह बातें 25 जून से शुरू हुई सोनीपत हरियाणा की घटना को लेकर ‘दलित, पिछड़ा, शोषित आवाज मंच’ के प्रदेश अध्यक्ष राजीव वर्मा ने कही। राजीव वर्मा अपने संगठन के माध्यम से उत्पीडित समाज को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
इस पूरे मामले के पीछे एक प्रेम प्रसंग की घटना है। सोनीपत की खान कालोनी में रहने वाले एक मुस्लिम लड़के और एक हिन्दू ब्राह्मण लड़की के बीच लम्बे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस प्रसंग की जानकारी जब लड़की के परिवार वालों को हुई तब उन लोगों ने इस रिश्ते को लेकर आपत्ति जताते हुए लड़की का बाहर आना-जाना बंद करवा दिया और आनन-फानन में उसकी शादी तय करने में लग गए। जल्द ही शादी तय कर दी गई और 25 जून को सगाई सुनिश्चित की गई।
इस बात की खबर कहीं से लडके को भी हो गई और वह उस लड़की को सगाई से बचाने के लिए प्रयासरत हो गया। लड़की को अपने से दूर होता देखकर उसने अपनी और लड़की की कुछ तस्वीरें तथा अपने चैट का स्क्रीनशाट इन्स्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। जिस लड़के के साथ सगाई हो रही थी उसे भी मैसेज में सारी बातें भेज दी। इस बात को लेकर लड़की के घरवाले नाराज हो गए। उन्होंने पुलिस को तहरीर देते हुए यह कहा कि सोहिल और शाहिद ने उनकी दोनों लड़कियों को रिंग सेरेमनी से अगवा करने का प्रयास किया और इस दौरान लड़की के भाई से मारपीट भी की। लड़की पक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि जब इस घटना को लेकर वह लोग उन दो लड़कों के परिवार वालों से इस आशय से मिलने जा रहे थे कि उन्हें हमारी लड़कियों से दूर रहने के लिए समझा दें। तब उन लड़कों ने अपने तमाम साथियों के साथ लड़की के परिवार वालों पर हमला कर दिया।
फिलहाल लड़के के परिवार के लोग इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हैं उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रेम वाली बात सही है पर हमले की बात पूरी तरह से मनगढ़ंत है। उन लोगों ने बताया की 25 जून को जब लड़का मस्जिद में नमाज अदा करके रात लगभग 9 बजे बाहर निकला तो पहले से इकट्टा हुए 20 से 25 लोगो ने उसे पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद लड़के द्वारा बचाओ-बचाओ का शोर मचाने पर उसके परिजन और आसपड़ोस के लोग वहां भाग के गए तो उपरोक्त व्यक्तियों ने उन पर भी पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में दोनों पक्षों को चोटें आई| लड़ाई-झगडे की पूरी घटना मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। मुस्लिम लोगो द्वारा 112 पर बार-बार फ़ोन करने के बाद पुलिस पहुँच गई लेकिन पुलिस ने उपरोक्त 20-22 व्यक्तियों के खिलाफ FIR न दर्ज करके मुस्लिम समुदाय के लगभग 15 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और 1 व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया|
घटना के दो दिन बाद 27 जून को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस की मौजूदगी में, इस झगड़े की घटना पर धार्मिक रंग चढाते हुए, वहां का माहौल बिगाड़ने की नियत से लगभग 100 से 150 लोगों का हुजूम हाथ में फरसे, तलवार और डंडे लेकर खान कालोनी पहुँच गया। जुलूस की शक्ल में पंहुचे लोग गलियों में धमकियां और गन्दी-गन्दी गालियां देते हुए मुस्लिम बहन-बेटियों को उठाने और जान से मारने की धमकियां देने लगे। गलियों में घुसकर उन लोगों ने एलान कर दिया कि बकरीद की नमाज मस्जिद में नहीं पढ़ने दी जाएगी। जो आएगा उसे जान से मार दिया जायेगा| इस पर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांति से काम लेते हुए सिर्फ इस घटना को अपने फ़ोन से रिकॉर्ड कर लिया| इस घटना की वजह से मुस्लिम समुदाय के कई परिवार डर गए और अपनी बीवी बच्चों के साथ अपना घर छोड़ कर भागने को मजबूर हो गये और अपनी जान बचाने के लिए अपने रिश्तेदारों के पास जाकर शरण ली।
इस घटना पर जब पुलिस भी बस्ती में घुसे लोगों को संरक्षित करती दिखी तो मुस्लिम समाज के लोगों ने दलित पिछड़ा मंच से मदद की गुहार की। 1 जुलाई 2023 को दलित पिछड़ा मंच के प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में सैकडों की संख्या में मुस्लिम स्त्री-पुरुष थाना सेक्टर 27 सोनीपत गए और असामाजिक तत्वों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। लेकिन 2 जुलाई रविवार को अगले सुबह ही पुलिस खान कॉलोनी आई और घर में मौजूद स्त्रियों, किशोरवय बच्चों को गिरफ्तार कर ले गई। छोटे दुधमुंहे बच्चे रोते बिलखते वहीं रह गए। मुस्लिम पक्ष का कहना है की हमें गिरफ्तार किया गया था जबकि दूसरे पक्ष के लोग थाने में ही हुड़दंग कर रहे थे। खान कॉलोनी वासियो के रिश्तेदारों को भी यूपी और हरियाणा में दबिश देकर गिरफ्तार किया जा रहा है। इस पूरे घटना क्रम की वजह से मुस्लिम समाज में भय और भगदड़ का माहौल बना हुआ है।
इस पूरे प्रकरण को लेकर ‘दलित, पिछड़ा, शोषित आवाज मंच’ और मुस्लिम समाज के लोगों ने 3 जुलाई को साम्प्रदायिक और मजहबी नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए कमिश्नर सोनीपत का घेराव करने का निर्णय लिया। इन लोगों का कहना है साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले लोग जो कि बजरंग दल और संघ से जुड़े हुए हैं, उनके खिलाफ हर तरह का सबूत होने के बावजूद पुलिस पीड़ित समाज को ही परेशान करने में लगी हुई है।
राजीव वर्मा ने बताया कि घेराव के एलान के बाद शाम को ही पुलिस ने मुस्लिम घरेलू महिलाओं को रिहा कर दिया लेकिन फरसे लेकर गलियों में घूमते हुड़दंगियों की तरफ अब भी प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्यवाही नहीं दिख रही है।
पूरे प्रकरण को लेकर 3 जुलाई को अल्पसंख्यक समाज के सैकड़ों महिलाओं-पुरुषों ने कमिशनर ऑफिस पर प्रदर्शन और घेराव किया। असामाजिक तत्वों से बचाने की गुहार लगाई और 15 निर्दोष व्यक्तियों के नाम एफआईआर से हटाने की अपील करने के साथ पुलिस के तानाशाही रवैये से निजात दिलाने की प्रार्थना की।
इन सबको लेकर पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि दुबारा से प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जायेगी। इसका जिम्मा उन्होंने डीसीपी डॉ अंशुल सिंगला और एसीपी नरसिंह को सौंप दिया है।
थाना सिविल लाइन के एसएचओ संदीप कुमार का उक्त घटना को लेकर कहना है कि यह मामला दो पक्षों के विवाद का है न कि दो सम्प्रदायों का है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
फिलहाल जिस तरह का वीडियो देखा जा रहा है उससे साफ़-साफ़ कहा जा सकता है कि अगर पुलिस प्रशासन ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया तो किसी भी समय, इश्क के खिलाफ उठी नफ़रत की चिंगारी सोनीपत को साम्प्रदायिकता की आग में जला सकती है।
कुमार विजय गाँव के लोग डॉट कॉम के संयुक्त सम्पादक हैं।
मुस्लिम की जनसंख्या जहाँ भी ज्यादा होती है वही ये काम होता है अगर हरियाणा को मुस्लिम आतंकवाद से बचाना है तो सभी हिन्दु को आगे आना होना ये किसे एक घर की बात नही है.
जागो हिन्दु जागो