Sunday, January 19, 2025
Sunday, January 19, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsHindu- muslim

TAG

hindu- muslim

देश में इतनी नफरत फैल चुकी है जितनी संघी नेताओं ने भी शायद ही सोचा हो

आरएसएस लगातार दोहरी नीति पर काम एक तरफ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री बयान देते फिरते हैं कि देश में सभी समुदाय के लोग सुरक्षित हैं, वहीं उनके पोषित लोग अल्पसंख्यकों पर लगातार हमला कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अभी क्रिसमस के मौके पर दिए संदेश में भगवान ईसा मसीह की शिक्षाओं पर अमल करने की बात कही, वहीं दूसरी तरफ लखनऊ मे चर्च के बाहर भक्तों ने गदर मचाया। अहमदाबाद में सांता क्लॉज की पोशाक पहने व्यक्ति की भक्तनुमा व्यक्ति ने पिटाई कर दी। यह मात्र एक या दो घटनाएं है। लेकिन पूरे देश में ऐसी सैकड़ों घटनाएं लगातार हो रही हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर नफरत इतनी व्यापक क्यों है?

डॉग व्हिसल के माध्यम से अल्पसंख्यकों पर निशाना साधते भाजपा नेता

वर्ष 2014 के बाद  अल्पसंख्यकों को लेकर देश की कुर्सी संभालने वाले जिस तरह की भाषा का प्रयोग लगातार कर  नफरत फैला रहे हैं। जिसका परिणाम यह हुआ कि ध्रुवीकरण की राजनीति तेज हुई और जिसका सीधा असर मतदान पैटर्न  पर दिखाई दिया। सामाजिक धारणायें भी इससे अछूती नहीं रहीं। आज हर हिंदू परिवारों के हजारों व्हाट्सएप ग्रुप और ड्राइंग रूम चैट में मुसलमानों को गुनहगार बनाकर नफरत फैलाई जा रही है। लेकिन इस विभाजनकारी भावना से कैसे निपटा जाए? लोगों के बीच वैकल्पिक आख्यान को विकसित करने की आवश्यकता है

इश्क के खिलाफ उठी नफ़रत की चिंगारी कहीं सोनीपत को साम्प्रदायिकता की आग में ना जला दे  

सोनीपत (हरियाणा)। चुनाव करीब हैं और भाजपा के लिए चुनावी ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा हथियार दंगा है। जिस तरह से बजरंग दल और आरएसएस...

आज़ाद भारत से भूमंडलीकरण तक हर बदलाव चंद्रकिशोर जायसवाल के लेखन में दिखता है-2

दूसरा और अंतिम भाग सांप्रदायिक दंगों की विभीषिका पर केन्द्रित चन्द्रकिशोर जायसवाल के उपन्यास शीर्षक में भी सामाजिक मूल्यों में आ रहे परिवर्तनों और...

अपना ही दुश्मन है ओबीसी (डायरी, 15 दिसंबर 2021)

अच्छे शासक की परिभाषा क्या हो सकती है? यही सोच रहा हूं बीते दो दिनों से। ऐसा सोचने के पीछे की वजह यह कि...

सभी जाति धर्म की स्त्रियों की तकलीफें एक जैसी हैं- सुगंधि फ्रांसिस (भाग -तीन)

तीसरा और अंतिम हिस्सा विवेक ने समाज को बदलने का जो बीड़ा उठाया था उसका एक रंग यह भी था कि स्वयं भी झोपड़पट्टी में...

जाति जनगणना से किसको खतरा है?

राजनीतिक दल अब बहुजन समुदायों के बढ़ते दबाव की वास्तविकता के प्रति जाग रहे हैं। वे इस बात को लेकर सचेत हो चुके हैं...

जितनी घातक है हिंसा की राजनीति उतनी ही घातक है हिंसा पर राजनीति

जम्मू कश्मीर में हिंसा का तांडव जारी है। बावजूद इस आंकिक सत्य के कि मारे गए लोगों में अधिकतर स्थानीय मुसलमान हैं मीडिया में...

मैं कभी किसी कहानी आंदोलन का हिस्सा नहीं रही

बातचीत का पहला हिस्सा आप अपने बचपन के बारे में कुछ बताएं! पुराने घर की कुछ स्मृतियां? कलकत्ता में बीते बचपन की पुरानी स्मृतियों में एक...

ताज़ा ख़बरें