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Naugarh
चंदौली : नौगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में लम्बे समय से ख़राब है सोलर सिस्टम, क्या प्रदेश में ऐसे विकसित होगी सौर ऊर्जा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में बिजली की कटौती पर भी प्रकाश की व्यवस्था रहे, इसलिए पैनल इन्वर्टर बैटरी की सुविधा मुहैया कराई गई थी। लेकिन, जनवरी माह की शुरुआत में ही सोलर सिस्टम में तकनीकी खराबी आ गयी।
मजदूर दिवस पर जमीनी स्तर पर काम करने की ली गई शपथ
नौगढ़। एक मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूर किसान मोर्चा के बैनर तले क्षेत्र के बसौली गांव में सामुदायिक भवन पर गोष्ठी आयोजित...
हर स्तर पर दमन और भ्रष्टाचार से लड़ना पड़ता है
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील की कुछ गाँव की महिलाओं ने भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ कैसे आवाज उठाईं और लड़ाई जीतीं, इस बात...
महिला हिंसा के विरुद्ध कार्यक्रम
प्रतिवर्ष 25 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोध दिवस हिंसा के खिलाफ समाज को जागृत करने के लिए पूरे विश्व में मनाया जाता है।...
नौगढ़ के एक गाँव के विस्थापित अपना गाँव उठा लाए दूसरी जगह
अपर्णा -
वर्ष 1999 में वन विभाग ने नौगढ़ में जगह-जगह जंगल की जमीन पर, जिसका घर-खेत है उसे हटाने और लोगों को भगाने के लिए गड्ढा खोदकर एक अभियान चलाया। इस गाँव के लोग भेड़ा फॉर्म बनने के बाद दुबारा विस्थापित होकर यहाँ आकर बसे थे और वन विभाग द्वारा उन्हें फिर यहाँ से विस्थापित करने हेतु अभियान चलाया जा रहा था जबकि वन अधिकार का यह नियम है कि जंगल की जमीन से एक विस्थापन के बाद दूसरा विस्थापन नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद वन विभाग ने इन्हें इस जगह से विस्थापित करने के लिए इनके खेतों में गड्ढे खोद दिए।
समान अवसर मिलने पर लडकियाँ बेहतर करने की क्षमता रखती हैं
11 अक्टूबर को ग्राम्या संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज, नौगढ़ में बच्चों एवं शिक्षकों के साथ गोष्ठी का...
आप हमारी पीठ पर डंडा मारें और हम उंगली भी न उठायें
प्यारी के बारे में जब हमें ग्राम्या संस्थान की बिन्दू सिंह ने बताया था तभी से हमारी जिज्ञासा जाग उठी कि प्यारी से चलकर...
क्या रिंकू को अपने परिवार का कहना मान लेना चाहिए?
‘ज़िंदगी में कभी-कभी कोई ऐसा मोड़ आता है जब यह समझ में नहीं आता कि किधर जाएँ। और अगर घर के लोग अपने मन-मुताबिक...
घरेलू हिंसा सहते रहने से मैंने विद्रोह करना बेहतर समझा : शशिकला गौतम
शशिकला गौतम नौगढ़ में ग्राम्या संस्थान, लालतापुर द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ाती है। इसके साथ ही वह संस्था द्वारा संचालित चिराग केंद्र में किशोरियों...
कभी कालीन उद्योग की रीढ़ रहा एशिया का सबसे बड़ा भेड़ा फार्म आज धूल फाँक रहा है!
अपर्णा -
जिस समय भेड़ा फार्म की बिल्डिंग नहीं बनी थी तब उन्होंने उस समय बसौली गाँव में ही भेड़ों और चरवाहों के रहने के लिए जगह का इंतजाम किया था लेकिन बाद में उनका गाँव इस योजना से बाहर हो गया। स्थानीय लोगों को रोजगार भी नहीं मिला और फिलहाल इसकी तीन-चौथाई से अधिक ज़मीनें वन विभाग को जंगल लगाने के लिए दे दी गईं। अब विशाल वन प्रांतर दिखाई देता है जिसमें कहीं-कहीं महुए, पीपल और सागौन के पेड़ दिखते हैं और ज़्यादातर में पलाश की झाड़ियाँ हैं। लालतापुर की सीमा से कुछ बीघे दूर एक झंडा दिखता है जो किसी छोटे-मोटे मंदिर का है।
मुसहर समुदाय को नहीं पता वह आदिवासी है कि दलित लेकिन द्रौपदी मुर्मू को अपनी बिरादरी का मानता है
अपर्णा -
चंदौली जिले की नौगढ़ तहसील के नुनवट गाँव के मुसहर भी दूसरी जगहों के मुसहरों की ही तरह हैं। वे इस बात से खुश हैं कि उनके पास कई प्रकार के कार्ड हैं। लाल कार्ड यानी गरीबी रेखा के नीचे वाला राशन कार्ड, पीला कार्ड यानी आयुष्मान योजना का कार्ड, ई-श्रम कार्ड, जॉब कार्ड आदि। आयुष्मान कार्ड के पीछे लिखे नियम और शर्तों के अनुसार यह कार्ड सरकार द्वारा नामित अस्पतालों में मान्य होगा और इससे पाँच लाख तक के इलाज की सुविधा है। मनरेगा में उन्हें काम मिलता है लेकिन साल भर में कभी भी दो महीने से ज्यादा नहीं मिलता।