Thursday, April 25, 2024
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सोनभद्र के शिवेंद्र और शिवेंद्र का सोनभद्र

सोनभद्र यात्रा – 4 उम्मीद करता हूँ कि सोनभद्र की मेरी इस यात्रा की पिछली तीनों शृंखला आप पढ़ चुके होंगे नहीं पढे हों तो...

कृषि बिल वापसी के पीछे सरकार के निहितार्थ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल की हठधर्मिता के बाद अचानक गुरु पूर्णिमा के दिन तीनों कृषि बिल वापस लेने की घोषणा से सबको...

हमें न गाँधी का राम चाहिए न आर एस एस का राम चाहिए!

जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता विद्या भूषण रावत का विकास तर्कवादी विचारकों-लेखकों के सान्निध्य में हुआ। वे जीवन और समाज की हर चीज को संशय और...

मुल्कराज आनंद ने मुझसे पहला ही सवाल किया कि क्या तुम टॉयलेट साफ़ कर सकते हो?

  भारत के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और चिन्तक-लेखक विद्या भूषण रावत सही अर्थों में एक जिंदादिल व्यक्ति हैं. अकेले बूते पर उन्होंने जितना काम किया...

क्या आपने आधा बाजा पढ़ा है ?

अगर नहीं तो जरूर पढ़िए आधा बाजा रामजी यादव का कथा संग्रह है जिसमें कुल जमा 8 कहानियां है, सूदखोर के पांव, अंतिम इच्छा,...

जीवन और मृत्यु के बीच अस्तित्व की तलाश

शांत, सरल, सहज और बहुत ही धीमी आवाज़ में अपनी बात कहने वालीं सुधा अरोरा जी का आज जन्मदिन है। जन्मदिन  तो पूरे वर्ष...

पुलिसिया दमन सत्ता के इशारे के बिना मुमकिन नहीं..

दूसरा हिस्सा  जांच में झूठी निकली पुलिसिया कहानी  पुलिस की विराट मानवता का गान करने वाली इस कहानी के उलट एक तीसरी कहानी बल्कि क्षेपक भी...

काहे रे नलिनी तू कुम्हिलानी …

दुनिया के सबसे उपेक्षित कवियों में से एक और सबसे ताकतवर और प्रतिभाशाली कवियों में से भी एक रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की कविताओं में...

सिनेमा का सफरनामा – 1

सिनेमा का सफरनामा  सीरीज को मैंने सबसे पहले एक वृत्तचित्र के रूप में बनाने के बारे में सोचा था। चूंकि दिल्ली में मैंने वृत्तचित्र...

आपकी स्वतन्त्रता ही हमारी गुलामी है – राजेंद्र यादव

(राजेंद्र यादव को दिवंगत हुये आठ वर्ष हो गए। बेशक इन आठ वर्षों में सुसंबद्ध और निर्भीक ढंग से भारत की संघर्षशील जनता की...

इंदौर की घटनाओं के पीछे सांप्रदायिकता फैलाने का सुनियोजित एजेंडा

फिल्म रईस का एक मशहूर डायलॉग है ‘अम्मी जान कहती थीं, कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता’...

दुर्धर्ष समय में भी रामस्वरूप वर्मा के विचारों की मशाल मद्धिम नहीं हुई

अक्सर हम राजनीति के मैदान में सांस्कृतिक आंदोलन की अगुवाई करनेवाले और समकालीन राजनीतिक संस्कृति को व्यापक जन-समुदायों के हितों की कसौटी पर कड़ाई...

फुले-अंबेडकरवादी आंदोलनों के बहुस्तरीय विकास को समर्पित जीवन

कॉमरेड विलास सोनवणे का निधन पूरे देश में दलित-ओबीसी-पसमांदा आंदोलन के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। वह उन गिने-चुने लोगों में से एक...

दलित साहित्य और विचारों का एक मुकम्मल दस्तावेज़

सम्पादक रामजी यादव की पत्रिका गाँव के लोग का 24 वां अंक जनवरी-फरवरी 2021 आज प्राप्त हुआ। इस पत्रिका का संपादन सुयोग्य साहित्यकार डॉ....

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर जनसंवाद संपन्न 

4 अगस्त को दिन में 3:00 बजे से जातिगत जनगणना के मुद्दे पर जन  संवाद का आयोजन तहसील सदर वाराणसी के सभागार  में किया...

हमारी दुनिया

आज से यानी 15 जुलाई 2021 से हम प्रतिदिन एक बार भारत के दुनिया के विभिन्न देशों के जनजीवन , राजनीति, समाज, घटनाओं और...

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