1931 के बाद से आज तक पिछड़ों की जातिगत जनगणना नहीं हुई ,1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध दौर था ,1951 में देश की आजादी के बाद पिछड़ों की जातिगत जनगणना होनी थी, सरकार ने आजादी व गणतंत्र मे पिछड़ों को भुलवा दिया ,1961 में जनगणना होनी थी तो 1962 का युद्ध ला दिया, 1971 में बांग्लादेश प्रकरण आ गया, 1981 में इमरजेंसी के बाद का दौर था, 1991 से पहले मंडल कमीशन के बाद कमंडल ला दिया, 2001 में गोधरा कांड हुआ, 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नाम पर भुलवाया गया
