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हलद्वानी हिंसा: एक और शख्स की मौत, मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हुई

पुलिस ने मौके पर एक अस्थायी चौकी बना दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सरकार अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ‘मुक्त’ की गई जमीन पर एक पुलिस स्टेशन बनाएगी। इस घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने वहां चौकी बना दी, जिसका उद्घाटन दो महिला सब-इंस्पेक्टरों ने किया, जो हिंसा में बुरी तरह से घायल हो गई थीं।

उत्तराखंड के हलद्वानी जिले में 13 फरवरी को मोहम्मद इसरार नाम के शख्स की मौत हो गई। जिसके बाद हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। हिंसा वाले दिन मृतक के सिर पर गोली लगी थी जिसके बाद वह कोमा में चला गया था। पांच दिनों तक कोमा में रहने के बाद मंगलवार को उसका निधन हो गया।

8 फरवरी को नैनीताल जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था जिसमें एक मदरसे और मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया। जिससे लोगों का गुस्सा भड़क उठा और बनभूलपुरा इलाके में हुई हिंसक झड़पें हुईं जिसमें पांच लोग मारे गए और 14 गंभीर रूप से घायल हो गए।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीना ने द हिंदू को बताया कि हिंसा के मामले में मंगलवार को छह और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। उन्होंने कहा कि “हमने आरोपियों के पास से दो देशी पिस्तौल के साथ जिंदा गोलियां भी बरामद की हैं। ये गिरफ्तारियां हिंसा वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई हैं।”

पुलिस ने बताया कि गुरुवार की हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं जिसमें 5,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। गुरुवार को उपद्रवियों ने एक पुलिस स्टेशन का घेराव किया, अधिकारियों पर पथराव किया, गाड़ियों और सार्वजनिक संपत्ति में आग लगा दी, जिसके बाद उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए और शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।

मोहम्मद इसरार के बेटे सुहैल ने द हिंदू को बताया कि जिस दिन हिंसा भड़की उसी दिन इसरार के भाई और 16 वर्षीय भतीजे की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि “हमारे परिवार के तीन लोग उस हिंसा में मारे गए जिसमें हमारी कोई भूमिका नहीं थी।“

इस बीच पुलिस ने मौके पर एक अस्थायी चौकी बना दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सरकार अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ‘मुक्त’ की गई जमीन पर एक पुलिस स्टेशन बनाएगी। इस घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने वहां चौकी बना दी, जिसका उद्घाटन दो महिला सब-इंस्पेक्टरों ने किया, जो हिंसा में बुरी तरह से घायल हो गई थीं।

चौकी की स्थापना अतिक्रमण से मुक्त कराये गए लगभग एक एकड़ जमीन के बीच में की गई है। वहां पर एक विशाल पोस्टर भी लगाया गया है जिसपर बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन, ‘देख रेख पुलिस चौकी’ लिखा हुआ है।

एसएसपी मीना ने बताया कि चौकी पर एक उपनिरीक्षक और चार सिपाही तैनात किये गये हैं। प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) और अर्धसैनिक बल भी मौके पर तैनात हैं।

(‘द हिंदू’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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