पुलिस ने मौके पर एक अस्थायी चौकी बना दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सरकार अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ‘मुक्त’ की गई जमीन पर एक पुलिस स्टेशन बनाएगी। इस घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने वहां चौकी बना दी, जिसका उद्घाटन दो महिला सब-इंस्पेक्टरों ने किया, जो हिंसा में बुरी तरह से घायल हो गई थीं।
उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन के लिए विश्व में अपनी खास पहचान रखता है, जिसके चलते लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष पर्यटक यहां आते हैं। जहां उनके खाने में मशरूम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके चलते भीमताल को मशरूम उत्पादन का हब बनाने को लेकर जिला प्रशासन की योजना कामयाब हो रही है। वर्ष 2022-23 में नैनीताल जिले में 1292 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ, जबकि पिछले वर्ष 942 मीट्रिक टन था।
पर्यावरण मानदंडों और दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए यहाँ काम कर रही कंपनियों को दंडित करें। जिस तरह से हमारे खूबसूरत क्षेत्र के साथ दुर्व्यवहार किया गया है, वह बस विनाशकारी है। चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग अभी अधूरा है और कई जगह सड़कें बिल्कुल खतरनाक हैं। सरकार को इन सड़कों की स्थिति के बारे में अपडेट करना चाहिए ताकि लोगों को पहले से पता चल सके और उचित निर्णय लिया जा सके। बिना तैयारी के चारधाम यात्रा को शुरू करना बेहद खतरनाक है और ये लोगो के जीवन के साथ खेलना है। जरूरत इस बात की है केंद्र और राज्य के मंत्रीगण इन क्षेत्रों में यदि कार से दौरा करे तो उन्हे सड़कों की स्थिति का सही पता चलेगा।
रेणी गाँव के लोग निराश हैं। गाँव में गौरा देवी की आदमकद प्रतिमा थी जो अब वहाँ से हटा दी गयी है। नेताओं को इसका कोई दर्द नहीं कि एक आदिवासी महिला, जिसने हमारे देश को दुनिया के पर्यावरणवादियों की नज़र में ऊंचा स्थान दिलवाया उसका गाँव ख़त्म होने वाला है। वह जगह हमारे नक़्शे से गायब हो सकती है जहाँ से दुनिया को चिपको का सन्देश मिला।
बोक्सा जनजाति अधिकतर तराई और भावर के इलाके में रहती है और यहाँ पर यह अब अपनी ही जमीन से बेदखल और बंधुआ हो गई है। तराई भावर में वे देहरादून के डोईवाला क्षेत्र से लेकर पौड़ी जनपद के दुगड्डा ब्लाक तक इनकी काफी संख्या थी। कोटद्वार के तराई भावर के इलाकों जैसे लाल ढंग में भी इनकी संख्या बहुत है। कोटवार-उधम सिंह नगर के मध्य रामनगर में भी इनकी आबादी निवास करती है।